आशा सिंह 2017 में हुए उन्नाव रेप केस की पीड़िता की मां हैं। जनवरी 2022 में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से 125 नामों की सूची में आशा सिंह का नाम भी घोषित किया। आशा सिंह का नाम पहली बार सुर्ख़ियों में तब आया, जब अप्रैल 2018 में उन्होंने पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही आरोपी के भाई अतुल और अन्य ने उनके पति सुरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू की हिरासत में हत्या और उनकी 17 वर्षीय बेटी के साथ बलात्कार के बाद उनका नाम सोशल मीडिया के सामने आया। भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई जयदीप उर्फ अतुल सिंह और अन्य ने आशा सिंह की 17 वर्षीय नाबालिग बेटी का 4 जून 2017 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव गांव मनखी से अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया।
आशा की बेटी सामूहिक दुष्कर्म के 17 दिन बाद 21 जून 2017 को अपने गांव से 116.8 किलोमीटर दूर औरैया नाम के गांव में मिली थी। आशा ने अगले दिन आरोप लगाया कि जब उन्होंने परिवार के साथ कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने गई तो पुलिस ने अनिच्छा दिखाई और उन्हें पुलिस स्टेशन से बाहर निकाल दिया। 22 जून 2017 को पीड़िता के आरोपी शुभम सिंह, अवधेश तिवारी, बृजेश यादव और अन्य अज्ञात हमलावरों ने अपहरण और सामूहिक बलात्कार के लिए अपने बयान में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने अपना गुनाह कबूल किया। इसके बाद, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत दूसरी प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपियों को हिरासत में लिया गया। अपने बयान में पीड़िता ने यह भी कहा कि मुझे औरैया के एक अज्ञात व्यक्ति के हाथ 60 हजार रुपये में बेचा गया था। 9 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता सुरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू की हिरासत में मौत हो गई, जिसके बाद अतुल सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया और छ: पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। अप्रैल 2018 में उन्नाव बलात्कार मामले और कठुआ बलात्कार मामले के लिए देश भर में संयुक्त विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। जिसके बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बयान में उन घटनाओं की निंदा की।
1 अगस्त 2019 को पीड़िता और उनके परिवार ने CJI को लिखे गए पत्र का संज्ञान लेने के बाद शीर्ष अदालत ने बलात्कार मामले से संबंधित मामलों को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया और निचली अदालत को 45 दिनों के भीतर मामले को समाप्त करने का निर्देश दिया। 5 अगस्त 2019 को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में रोजाना सुनवाई शुरू हुई और पीड़िता को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से ट्रॉमा सेंटर, एम्स, नई दिल्ली ले जाया गया। जनवरी 2022 में आशा सिंह और उनका परिवार लगभग चार साल बाद अपने पैतृक गाँव उन्नाव लौटा, जहाँ उन्होंने विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करना शुरू किया। अपने प्रचार अभियान के दौरान आशा सिंह ने भाजपा सरकार को हटाने का संकल्प लिया और कहा- “बीजेपी ने कई महीनों के बाद और केवल मीडिया के दबाव में सेंगर को पार्टी से हटा दिया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर मामले का संज्ञान लिया और आखिरकार हमें न्याय मिला। लेकिन सामाजिक-राजनीतिक न्याय अभी भी प्रतीक्षित है – सेंगर जेल में हो सकता है लेकिन उत्तर प्रदेश और देश में भाजपा अभी भी सत्ता में है। मैं मतदाताओं से पूछूँगी कि वह ऐसी पार्टी का समर्थन कैसे कर सकते हैं जो एक बलात्कारी और हत्यारों का समर्थन करती है।”
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| व्यवसाय | राजनेता |
| जानी जाती हैं | उन्नाव रेप पीड़िता की मां होने के नाते |
| राजनीति करियर | |
| पार्टी/दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (जनवरी 2022-वर्तमान) Indian National Congress (INC) Flag |
| शारीरिक संरचना | |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | काला |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | वर्ष 1966 |
| आयु (2021 के अनुसार) | 55 वर्ष [1] |
| जन्मस्थान | उन्नाव, उत्तर प्रदेश, भारत |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | उन्नाव, उत्तर प्रदेश |
| शैक्षिक योग्यता | अनपढ़ [2] |
| धर्म | हिन्दू |
| जाति | क्षत्रिय (ठाकुर) [3] |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | विधवा |
| परिवार | |
| पति | सुरेंद्र सिंह उर्फ पप्पू Father of Unnao rape survivor, Surendra Singh alias Pappu |
| बच्चे | उनका एक बेटा और चार बेटियां हैं। [4] |
