दुती चंद एक भारतीय धावक हैं जिन्हें ओलंपिक और एशियाई खेलों में भारत का गौरव बढ़ाने के लिए जाना जाता है। गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली दुती चंद का पालन-पोषण एक बुनकर परिवार में हुआ था। वर्ष 2006 में उनके पिता ने घर की गरीबी को देखते हुए दुती चंद और उनकी बड़ी बहन सरस्वती चंद का दाखिल भुवनेश्वर के एक सरकारी खेल छात्रावास में करवा दिया था।
नाल्को (नेशनल एल्युमिनियम कंपनी) के अध्यक्ष डॉ. टी. के. चंद ने उन्हें 100 और 200 मीटर रेस प्रतियोगिता में डबल सिल्वर प्राप्त करने पर उनकी काफी प्रशंसा की थी। उनका परिवार आर्थिक रूप से इतना कमजोर था कि उनके पास उचित रूप में पोषण के लिए पर्याप्त भोजन नहीं था। जिसके चलते दुती चंद अपनी पोषण संबंधी आवश्यकताओं को अपने गाँव के समारोहों जैसे शादियों और जन्मदिन की पार्टियों में जाकर पूरा करती थी।
दुती चंद अपनी बड़ी बहन सरस्वती की सलाह पर अपने गाँव की नदी के किनारे नंगे पांव दौड़ लगाया करती थी। पेशेवर स्तर पर दुती ने जो पहला जूता पहना था वह जूता गोल्डस्टार का था। दुती के मुताबिक उन्हें जूतों की आदत पड़ने में लगभग 2 से 3 हफ्ते लगे थे।
दुती चंद ने वर्ष 2013 में स्कूल नेशनल रेस प्रतियोगिता में टाटा नैनो कार जीती। वर्ष 2014 में उन्होंने हैदराबाद के पुलेला गोपीचंद अकादमी से कोच रमेश नागपुरी से एथलीट का प्रशिक्षण प्राप्त किया। जून 2014 में उन्होंने ताइपे, चीन के 16वें एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 200 मीटर और 4×100 मीटर रिले स्पर्धा को अपने नाम किया। वर्ष 2015 में दुती चंद जब कॉमन वेल्थ गेम्स में भाग लेने जा रही थी तब एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने यह दावा किया कि उन्हें हाइपरएंड्रोजेनिज्म है यानि उनके शरीर में टेस्टोस्ट्रोन की मात्रा निर्धारित मात्रा से ज्यादा है जिसके चलते उन्हें फीमेल एथलीट के तौर पर भाग लेने से मना कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स के तहत अपनी याचिका दायर की जिसमें पाया गया कि उनके शरीर में टेस्ट्रोस्ट्रोन की मात्रा ज्यादा है इसका कोई प्रमाण नहीं है।
23 मई 2016 को ओडिशा गवर्नमेंट ने दुती चंद को ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन में असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट पर नियुक्त किया। उनकी बड़ी बहन सरस्वती ने दुती को कठिनाइयों से उबारने और उनके लक्ष्यों को साकार करने के लिए पुलिस की नौकरी की। वर्ष 2016 में दुती चंद ओलंपिक 100 मीटर व्यक्तिगत स्पर्धा में भाग लेने वाली भारत की पहली धावक महिला बनीं।
26 जुलाई 2016 को ओडिशा के चीफ मिनिस्टर नवीन पटनायक ने दुती चंद को रियो ओलंपिक खेल की तैयारी के लिए 10 लाख रुपये का अनुदान दिया था। 28 अप्रैल 2016 को दुती चंद ने ऋचा मिस्त्री के 16 साल पुराने 11.38 सेकंड के रिकॉर्ड को 11.33 सेकंड में तोड़कर 100 मीटर इवेंट में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। वर्ष 2018 में दुती ने एशियाई खेलों में महिलाओं के 100 मीटर रेस फाइनल में रजत पदक जीता।
31 मार्च 2019 को उन्हें ओलंपियन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने उनके खेल प्रदर्शन को देखते हुए ‘सर्टिफिकेट ऑफ़ रिकग्निशन’ से सम्मानित किया। वह भारत की पहली महिला एथलीट हैं जिन्होंने सात बार अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा है। दुती चंद ने बताया की वह रूढ़िवादिता में विश्वास नहीं रखती।
1 नवंबर 2019 को उन्हें केबीसी सीजन 11 के “करमवीर” शो में हिमा दास के साथ देखा गया। नवंबर 2019 में दुती चंद को ‘टाइम मैगज़ीन के 100 नेक्स्ट कवर पेज पर चित्रित किया गया। दुती चंद भारत की एक ऐसी एथलीट महिला हैं जिन्होंने अपने समलैंगिक रिश्ते को खुले तौर पर लोगों के सामने पेश किया है।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| व्यवसाय | भारतीय एथलीट |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 167 मी०- 1.67 फीट इन्च- 5’ 6” |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | काला |
| एथलेटिक्स | |
| कोच | रमेश नागपुरी Dutee Chand with her coach Ramesh Nagapuri |
| इवेंट | • 100 मीटर • 200 मीटर |
| क्लब | ओडिशा खनन निगम |
| पदक | स्वर्ण पदक • वर्ष 2014, 200 मीटर, एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप, ताइपे • वर्ष 2014, 4x400 मीटर, एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप, ताइपे • वर्ष 2019, 100 मीटर, यूनिवर्सियाड, नापोली रजत पदक • वर्ष 2016, 100 मीटर, 2018 एशियाई खेल, जकार्ता • वर्ष 2018, 200 मीटर, एशियाई खेल, जकार्ता • वर्ष 2016, 100 मीटर, साउथ एशियन गेम्स, गुवाहाटी कांस्य पदक • वर्ष 2013, 200 मीटर, एशियाई चैंपियनशिप, पुणे • वर्ष 2016, 200 मीटर, दक्षिण एशियाई खेल, गुवाहाटी • वर्ष 2017, 100 मीटर, एशियाई चैंपियनशिप, भुवनेश्वर • वर्ष 2017, 4x400 मीटर, एशियाई चैंपियनशिप, भुवनेश्वर • वर्ष 2019, 200 मीटर, एशियाई चैंपियनशिप, दोहा • वर्ष 2019, 60 मीटर, एशियन इंडोर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, दोहा |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 3 फरवरी 1996 (शनिवार) |
| आयु (2021 के अनुसार) | 25 वर्ष |
| जन्मस्थान | जाजपुर जिला, उड़ीसा |
| राशि | कुंभ (Aquarius) |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | चाका गोपालपुर, उड़ीसा |
| स्कूल/विद्यालय | उन्होंने अपनी पढ़ाई चाका गोपालपुर के एक स्थानीय लोकल स्कूल से की। |
| कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | केआईआईटी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर, ओडिशा |
| शैक्षिक योग्यता | वर्ष 2013 में उन्होंने आईआईटी विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर से एलएलबी में स्नातक किया। |
| धर्म | हिन्दू |
| विवाद | वर्ष 2014 में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (आईएएएफ) ने अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए तय सीमा से अधिक टेस्टोस्टेरोन (पुरुष सेक्स हार्मोन) स्तर होने के कारण उन पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। इस सिलसिले में उन्होंने वर्ष 2015 में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में अपील की और ऐतिहासिक 'जेंडर' केस जीता। एक साल के लिए बैन होने के बाद उन्हें इंटरनेशनल इवेंट्स में हिस्सा लेने की इजाजत मिली थी। [1] |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
| सेजुअल ओरिएंटेशन | समलैंगिक [2] |
| बॉयफ्रेंड | हाल ही में उन्होंने इस बात का खुलासा किया था कि वह अपने गांव की एक लड़की के साथ रिलेशनशिप में हैं। |
| परिवार | |
| माता/पिता | पिता - चक्रधर चंद (बुनकर) Dutee Chand with her father Chakradhar Chand माता - अखुजी चंद (बुनकर) Dutee Chand with her mother Akhuji Chand |
| भाई | भाई - रवीन्द्र चंद |
| बहन | बहन - 5 • सरस्वती चंद (बड़ी) Dutee Chand's sister Saraswati Chand • संजुलता चंद (बड़ी) • अंजना चंद (छोटी) • प्रतिमा चंद (छोटी) • अलीवा चंद (छोटी) |
| धन/संपत्ति संबंधित विवरण | |
| बाइक संग्रह | टीवीएस अपाचे आरटीआर Dutee Chand with her TVS Apache RTR |
| कार संग्रह | • टाटा नैनो कार (2013 मॉडल) • बीएमडब्ल्यू सीरीज- 5 Dutee Chand with her BMW Series 5 • महिंद्रा एक्सयूवी-500 • फोर्ड एस्पायर कार (2018 मॉडल) Dutee Chand with her Ford Aspire car |
