पार्वतीबाई महाराष्ट्र के पेन क्षेत्र में रहने वाले कोल्हात्कर परिवार से संबंधित थीं। वह सदाशिवराव भाउ की दूसरी पत्नी बनी थीं, उमाबाई की मृत्यु के बाद।
पार्वतीबाई चिमाजी अप्पा के बेटे की बहू थीं, जो मराठा साम्राज्य के बाजीराव पेशवा के छोटे भाई थे। उनके पति सदाशिवराव भाउ पेशवा, मराठा सेना के सेनापति और दीवान रहे हैं।
पानीपत की तीसरी लड़ाई में, उनके पति मराठा सेना की तरफ से अहमद शाह दुर्रानी के खिलाफ युद्धरत थे। पार्वतीबाई ने इस महत्वपूर्ण संघर्ष में अपने पति की मदद की और उनके वीरगति के बाद, उन्होंने विधवा जीवन का मान्यता नहीं दिया।
इस लड़ाई के दौरान, पार्वतीबाई की मुलाकात मराठा साम्राज्य के मल्हारो होलकर से हुई, जिन्होंने पार्वतीबाई को बचाने के लिए चंबल नदी के दक्षिण में सुरक्षित रूप से बंद कर दिया था।
पार्वतीबाई की भतीजी राधिकाबाई का विवाह मराठा साम्राज्य के पुणे के पेशवा बालाजी बाजी राव के पुत्र विश्ववराव से हुआ था।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| उपनाम | भाउ, भाउसाहेब |
| व्यवसाय | पेशवा के दीवान और मराठा सेना के सेनापति |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 4 अगस्त 1730 |
| जन्मस्थान | महाराष्ट्र, मराठा साम्राज्य, भारत |
| मृत्यु तिथि | 14 जनवरी 1761 |
| मृत्यु स्थल | पानीपत, भारत |
| मृत्यु कारण | पानीपत की तीसरी लड़ाई में वीरगति |
| आयु (मृत्यु के समय) | 30 वर्ष |
| साम्राज्य | मराठा |
| शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
| धर्म | हिन्दू |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारी | |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| परिवार | |
| पत्नी | • उमाबाई (पहली) • पार्वतीबाई (दूसरी) |
| बच्चे | बेटा - 2 बेटी - कोई नहीं |
| माता-पिता | पिता - चिमाजी अप्पा माता - रख्माबाई |
| भाई-बहन | भाई - ज्ञात नहीं बहन - ज्ञात नहीं |
