जीवन की सीख इंडिया वॉच में आपका स्वागत है, तो चलिए वीडियो शुरू करते हैं। चौधरी चरण सिंह का जन्म दिसंबर 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में एक जाट परिवार में हुआ था। उनका जन्म चौधरी मीर सिंह के परिवार में हुआ था। उनके पिता एक किसान थे और बहुत गरीब थे। उनके पिता की छवि उनके व्यवहार में दिखती थी। गरीबी में रहते हुए भी, उन्होंने अपने अध्ययन में पहले ग्रेड की दी। उनका परिवार 1857 के युद्ध में भाग लेने वाले राजा नहर सिंह से जुड़ा हुआ था।
1929 में, चौधरी चरण सिंह ने भारत की स्वतंत्रता के लिए आंदोलन में प्रवेश किया। उन्होंने पहले गाजियाबाद में कांग्रेस का गठन किया। 1930 में, उन्हें कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। 1932 में, उन्हें कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। 1934 में, उन्हें कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। 1935 में, उन्हें गाजियाबाद में कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। 1930 में, उन्होंने अफगान आंदोलन में नमक कानून के समाप्ति की मांग की थी। चरण सिंह ने गाजियाबाद सीमा पर बहने वाले हिंडल नदी पर नमक बनाया था। इसके बाद, मार्च में उन्हें जेल जाना पड़ा। इस समय, उन्हें छह महीने के लिए जेल जाना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने महात्मा गांधी की छाया में स्वतंत्रता के लहर में अपने को शामिल कर लिया।
इस कानून को स्वतंत्रता के बाद 1940 में पंजाब ने पहली बार अपनाया था। चौधरी चरण सिंह ने 1952 में उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री बने। उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए काम किया। उन्होंने 1952 में भूमि अधिकार संशोधन अधिनियम को पारित किया। इस कानून के कारण, 27000 पटवारियों ने अपने इस्तीफे पत्र दिए। उन्होंने इस पत्र को साहस से स्वीकार किया। उन्होंने किसानों को पटवारी के आतंकमय वातावरण से मुक्त कर दिया।
चरण सिंह, नेहरू की आर्थिक नीति और दोस्त चरण सिंह ने 1967 में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और राज नारायण और राम मनोहर लोहिया के साथ एक नई पार्टी बनाई जिसका प्रतीक हल्दार था और दोस्त, इसके बाद 1975 में भारत में आपातकाल में लगभग सभी विरोधी नेताएं क़ैद में थीं। इन नेताओं ने जेल में रहकर जनता पार्टी के लिए चुनाव जीते। इसके बाद, चौधरी चरण सिंह ने एक नेता के रूप में शक्ति प्राप्त की और दोस्त, यह बता दूं कि मोरार जी देसाई के समय चरण सिंह के उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। इस शासन के दौरान, चरण सिंह और मोरार जी देसाई के बीच अंतर हुआ।
| वास्तविक नाम | चौधरी चरण सिंह |
| व्यवसाय | समाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई | से० मी०- 170 मी०- 1.70 फीट इन्च- 5’ 7” |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | श्वेत |
| राजनीति | |
| राजनीतिक पार्टी | जनता पार्टी जनता पार्टी चुनाव चिन्ह |
| राजनीतिक यात्रा | • वर्ष 1937 में, वह छपरौली (बागपत) क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए। • 3 अप्रैल 1967 को, वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। • वर्ष 1979 में, वह वित्त मंत्री और उपप्रधानमंत्री बने। • 28 जुलाई 1979 को, चौधरी चरण सिंह समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस (यू) के सहयोग से प्रधानमंत्री बने। |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 23 दिसम्बर 1902 |
| जन्मस्थान | नूरपुर, ब्रिटिश भारत |
| मृत्यु तिथि | 29 मई 1987 |
| मृत्यु स्थल | नई दिल्ली, भारत |
| आयु (मृत्यु के समय) | 84 वर्ष |
| मृत्यु का कारण | मस्तिष्क रक्तस्त्राव (ब्रेन स्ट्रोक) |
| राशि | मकर |
| हस्ताक्षर | चौधरी चरण सिंह हस्ताक्षर |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | गांव नूरपुर, तहसील हापुड़, जनपद गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश |
| स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
| महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | आगरा विश्वविद्यालय |
| शैक्षिक योग्यता | एलएलबी |
| परिवार | पिता - चौधरी मीर सिंह माता - नाम ज्ञात नहीं भाई - ज्ञात नहीं बहन - ज्ञात नहीं |
| धर्म | हिन्दू |
| जाति | जाट |
| शौक/अभिरुचि | पुस्तकें पढ़ना |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति (मृत्यु के समय) | विवाहित |
| विवाह तिथि | वर्ष 1929 |
| पत्नी | गायत्री देवी (वर्ष 2002 में मृत्यु) चौधरी चरण सिंह अपनी पत्नी गायत्री देवी के साथ |
| बच्चे | बेटे : 5 • अजीत सिंह बेटी : ज्ञात नहीं |
