दुपट्टी नयया पर सवार होने का जोकेम कौन लेता है? लेकिन यह कहानी उस शख्स की है जिसका सामना हर मोड़ पर मुश्किल हालात से ही हुआ। जन्म तो काफी नामी परिवार में हुआ था, जो की गुजरात के सूरत में रहने वाले कारोबारी थे। लेकिन जन्म के बाद ही माता-पिता में ऐसा विवाद हुआ कि दोनों अलग हो गए। फिर दादी ने उनका पालंपोशंढ किया, अच्छी पढ़ाई करवाई, विदेश में भी पढ़ाई कराई, पिता का नाम नवल टाटा था और मां का नाम सोनू टाटा था। बताया जाता है कि उनके माता-पिता के बीच तलाक हो गया था, इसलिए उनकी परवरिष उनकी दादी, नवास बाई टाटा, ने की थी। रतन टाटा को उन्होंने गोध ले लिया था, जिससे दत्तक पुत्र के तौर पर उनकी परवरिष हुई थी।
वहीं, रतन टाटा के पिता ने सिमोन टाटा से दूसरी शादी की थी, इसलिए रतन टाटा का एक सोतेला भाई भी है, जिनका नाम है नोएल टाटा। रतन टाटा ने शुरुवाती पढ़ाई मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में की थी, इसके अलावा अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से स्ट्रक्चुरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई साल 1962 में की थी। आखिर में, 1975 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम किया गया था।
चलिए, अब हम रतन टाटा की सफलता की कहानी के बारे में विस्तृतता से जानते हैं। जब उन्हें यह कार्यक्षेत्र मिला, तब कंपनी बुरे समय से गुजर रही थी, लेकिन इससे हार नहीं मानते हुए रतन टाटा ने अपनी क्षमता से नेलको कंपनी को न केवल स्थिर किया, बल्कि 20% तक हिस्सेदारी में भी वृद्धि करने में सफल रहे। हाल ही में, आपत्तियों और आर्थिक मंदी से कंपनी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन रतन टाटा ने अपने प्रबंधन कौशल से सिर उठाया।
साल 1991 में, रतन टाटा को टाटा इंडस्ट्रीज के और इसकी अन्य कंपनियों के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद, टाटा ग्रुप हमेशा आगे बढ़ता रहा है, उनकी अध्यक्षता में कई बड़े परियोजनाएं स्थापित हुईं और देश और दुनिया में टाटा ग्रुप को नई पहचान दिलाई।
रतन टाटा ने दुनिया की सबसे सस्ती कार, नैनो, को बनाया और उन्होंने दुनिया की सबसे सस्ती कार को बनाने का सपना साकार किया। इसके साथ ही, रतन टाटा ने दुनिया की सबसे सस्ती कार भी बनाई, जिसके बारे में लोगों ने कभी सोचा भी नहीं था। लखटकिया, यानी लाख रुपए में कार लेने के सपने को भी रतन टाटा ने साकार कर दिया।
रतन टाटा ने टाटा ग्रुप के सभी कार्यकारी जिम्मेदारियों से संन्यास लिया, लेकिन उनका अधिकाराधिकरण कार्यक्षेत्र में अब भी सक्रिय हैं और काम कर रहे हैं। रतन टाटा ने अपने 21 वर्षों के कार्यक्षेत्र में कम्पनी को एक उच्च स्थान पर पहुंचाया है, जहां जाने वाले लोग सपने देखते हैं। कंपनी की मार्केट वैल्यू पाँच गुना बढ़ गई है और उनकी कुल सम्पत्ति की मान 117 बिलियन डॉलर यानी करीब 8.25 लाख करोड़ है। रतन टाटा इसमें 65% पैसा लोगों की मदद के लिए दान देते हैं, जिसके कारण वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में नहीं आते, लेकिन लोग उन्हें दिल से बहुत अमीर मानते हैं। धन्यवाद।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| पूरा नाम | रतन नवल टाटा |
| उपनाम | आर. एन. टी. |
| व्यवसाय | भारतीय व्यवसायी |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 177 मी०- 1.77 फीट इन्च- 5’ 10” |
| वजन/भार (लगभग) | 85 कि० ग्रा० |
| आँखों का रंग | हल्का भूरा |
| बालों का रंग | काला - सफ़ेद (धूसर) |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 28 दिसंबर 1937 |
| आयु (2017 के अनुसार) | 80 वर्ष |
| जन्म स्थान | सूरत, गुजरात, भारत |
| राशि | मकर |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | मुंबई, भारत |
| स्कूल/विद्यालय | • कैंपियन स्कूल, मुंबई, भारत • कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, मुंबई, भारत |
| कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | • कॉर्नेल विश्वविद्यालय, इथाका, न्यूयॉर्क, सयुंक्त राज्य अमेरिका • हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, बोस्टन, मैसाचुसेट्स, सयुंक्त राज्य अमेरिका |
| शैक्षिक योग्यता | • बी.एस. डिग्री संरचनात्मक इंजीनियरिंग के साथ वास्तुकला में • उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम |
| पुरस्कार/सम्मान | • वर्ष 2000 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। • वर्ष 2008 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। • वर्ष 2016 में, उन्हें फ्रांसीसी सरकार द्वारा "Commander of the Legion of Honour" पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नोट : इसके अलावा उनके पास कई पुरस्कार, सम्मान और उपलब्धियां हैं। |
| परिवार | पिता - नवल टाटा (व्यवसायी) रतन टाटा के पिता नवल टाटा माता - सूनी टाटा रतन टाटा की माता सूनी टाटा सिमोन टाटा (सौतेली माँ) सिमोन टाटा भाई - नोएल टाटा (सौतेला भाई) रतन टाटा का सौतेला भाई बहन - कोई नहीं |
| धर्म | पारसी |
| शौंक/अभिरुचि | चित्रकारी करना, पियानो बजाना, ड्राइविंग करना, जेट विमान उड़ाना, नौका विहार करना |
| विवाद | • वर्ष 1997 में, इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार रितु सरीन के द्वारा उनका नाम एक टेप स्कैंडल में संलिप्त पाया गया। • वर्ष 2010 में, उन्हें अपने नैनो कार के कारखाने के लिए सिंगूर, पश्चिम बंगाल में स्थानीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। |
| पसंदीदा चीजें | |
| पसंदीदा भोजन | पारसी व्यंजन, इड़ा चटनी पेटिस, पटरानी मच्छी |
| पसंदीदा कार | फ़रारी |
| पसंदीदा रंग | लाल |
| पसंदीदा व्यवसायी | जे. आर. डी. टाटा |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य मामलें | |
| वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
| पत्नी | कोई नहीं |
| बच्चे | कोई नहीं |
| धन संबंधित विवरण | |
| कार संग्रह | फ़रारी कैलिफ़ोर्निया, होंडा सिविक, लैंड रोवर फ्रीलैंडर, मासेराटी क्वाट्रोपोर्ट, कैडिलैक एक्सएलआर, मर्सिडीज बेंज 500 एसएल, क्रिसलर सेब्रिंग, मर्सिडीज बेंज एस-क्लास, जगुआर एफ-टाइप, जगुआर एक्सएफ-आर |
| संपत्ति (लगभग) | $1 बिलियन (₹6748 करोड़) |
