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Jayaprakash Narayan

जयप्रकाश नारायण, जिन्हें जेपी कहा जाता है, देश में जब भी आपातकालीन स्थिति की चर्चा होती है, तो उनका उल्लेख बड़ा होता है। जनता ने उन्हें लोकनायक के रूप में सम्मानित किया है, क्योंकि वे ही थे जिनके आवास पर पूरा हिंदुस्तान ने क्रांति का नारा दिया था। जयप्रकाश का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को बिहार के सारण जिले के सीताबदियारा गाँव में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम हरसुल देवलाल श्रीवास्तव और फूलजानी देवी था।

प्रारंभिक शिक्षा के बाद, जयप्रकाश ने नौ साल की आयु में अपने गाँव को छोड़कर पटना कॉलेजट में पढ़ाई जारी रखी। उनका विवाह प्रभावती देवी से हुआ और उन्होंने पढ़ाई में भी कायम रहते हुए अमेरिका आकर गांधी आश्रम में शामिल हो गए। अपनी आर्थिक कठिनाइयों के कारण, उन्होंने रेस्तरां में काम शुरू किया, लेकिन अपनी पढ़ाई को पूरा किया। 1929 में वे अमेरिका में रह गए और छात्र जीवन में ही स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए।

1939 में जब वे अमेरिका से लौटे, तो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम गति पकड़ रहा था। उन्होंने इंदिरा गांधी की प्रस्थानिक नीतियों के खिलाफ खड़ा होने के बावजूद बिहार में सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया। 1974 में उन्होंने भारतीय राजनीतिक परिदृष्टि में एक कठोर आलोचक की भूमिका निभाई। उन्होंने नीतियों और स्थितियों के प्रति अपने सख्त विचार व्यक्त किए, जो उन्हें एक अलग रूप से प्रमुख व्यक्ति बनाते हैं।

 

 

 

जीवन परिचय
वास्तविक नामजयप्रकाश नारायण
उपनामजे. पी.
व्यवसायभारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि11 अक्टूबर 1902
मृत्यु तिथि8 अक्टूबर 1979
मृत्यु स्थलपटना, बिहार, भारत
मृत्यु कारणहृदयाघात (दिल का दौरा पड़ने से)
समाधि स्थलपटना, बिहार, भारत
आयु (मृत्यु के समय)76 वर्ष
जन्मस्थानसीताबदीरा, बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (अब बलिया, उत्तर प्रदेश में)
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरसीताबदीरा, बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (अब बलिया, उत्तर प्रदेश में)
स्कूल/विद्यालयकॉलेजिएट स्कूल, पटना, भारत
महाविद्यालय/विश्वविद्यालयकैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-बरकली विसकांसन विश्वविद्यालय
शैक्षणिक योग्यतासमाजशास्त्र में परास्नातक
परिवारपिता - हरसू दयाल (नहर विभाग में कर्मचारी) माता - फूल रानी देवी भाई - ज्ञात नहीं बहन - ज्ञात नहीं
धर्महिन्दू
जातिकायस्थ
पुरस्कार/सम्मान• वर्ष 1965 में, उन्हें “लोकनायक” उपाधि देते हुए "रेमन मैगसेसे" पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • वर्ष 1999 में, उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिविवाहित
पत्नीप्रभावती देवी
बच्चेज्ञात नहीं

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