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Vajubhai Vala

कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के नतीजों से स्पष्ट हो गया है कि राज्य में सरकार का गठन किसी एक दल के समर्थन पर ही संभव है। पहले तो ऐसा दिख रहा था कि राज्य में जेडियेस किंग मेकर के समर्थन में सरकार बन सकती है, लेकिन अब यह स्थिति बदल चुकी है। अब किंग बनने की दिशा में कदम बढ़ा जा रहा है और यह बज्जू भाईवाला के नेतृत्व में हो रहा है।

कर्नाटक में भाजपा, जो सबसे बड़ी पार्टी है, ने अपने समर्थन से कांग्रेस को सरकार बनाने से रोक दिया है। राज्यपाल वज्जू भाईवाला, जो भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं, ने कांग्रेस को सरकार बनाने से रोका है। वज्जू भाईवाला का राजनीतिक सफर 1971 में शुरू हुआ और उन्होंने गुजरात में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर अपना योगदान दिया है।

वज्जू भाईवाला ने 1980 में राजकोट के मेयर बनकर अपने प्रथम कदम को रखा और उसके बाद भी वे बीजेपी के पक्ष से राजकोट पश्चिम सीट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल की। उन्होंने गुजरात राज्य में कई एहम पदों पर सेवा की और दोहजारदार वारे तक सफलता के साथ राजकोट से विधानसभा जीती। उन्होंने दोहजारदार चौदय तक सेवा की और फिर उन्हें कर्नाटक के राज्यपाल बनाया गया।

इससे पहले कि राज्यपाल वजुभाई अपना निर्णय लें, हम देखेंगे कि वह कैसा फैसला करते हैं। One India Hindi की खास रिपोर्ट के अनुसार।

 

 

 

जीवन परिचय
वास्तविक नामवजुभाई रुदाभाई वाला
व्यवसायभारतीय राजनेता
लोकप्रियतावर्ष 2014 से 2019 तक कर्नाटक के राज्यपाल होने के नाते
राजनीतिक पार्टीभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व सदस्य
राजनीतिक यात्रा• वर्ष 1975 से वर्ष 1993 तक, वह राजकोट की नगरपालिका के सद्स्य रहे। • वर्ष 1983 से वर्ष 1988 तक, वह राजकोट नगर निगम के मेयर रहे। • वर्ष 1985 से वर्ष 2012 तक, वह राजकोट विधान सभा के सदस्य रहे। • वर्ष 1991 से वर्ष 1993 तक, वह राजकोट नगर निगम के महापौर रहे। • वर्ष 1990 में, उन्हें गुजरात के शहरी विकास और आवास मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। • वर्ष 1995 में, उन्हें गुजरात के तेल आपूर्ति मंत्रालय और कॉर्पोरेट मंत्रालय का मंत्री नियुक्त किया गया। • वर्ष 1995 से वर्ष 1996 तक, वह गुजरात के वित्त और ऊर्जा मंत्री रहे। • वर्ष 1998 से वर्ष 1999 तक, वह गुजरात के वित्त, राजस्व और तेल मंत्रालय के मंत्री रहे। • वर्ष 1999 से वर्ष 2001 तक, वह गुजरात के वित्त, राजस्व मंत्री रहे। • वर्ष 2002 से वर्ष 2007 तक, वह गुजरात के वित्त मंत्री रहे। • वर्ष 2005 से वर्ष 2006 तक, वह गुजरात की भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। • वर्ष 2008 से वर्ष 2012 तक, वह गुजरात के वित्त, श्रम और रोजगार, परिवहन मंत्री रहे। • वर्ष 2012 से वर्ष 2013 तक, वह गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष रहे। • वर्ष 2013 में, उन्हें गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। • वर्ष 1996 से वर्ष 1998 तक, वह गुजरात की भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। • वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक, उन्हें कर्नाटक के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया। वजुभाई वाला राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण करते हुए
शारीरिक संरचना
लम्बाईसे० मी०- 173 मी०- 1.73 फीट इन्च- 5’ 8”
वजन/भार (लगभग)80 कि० ग्रा०
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगसफ़ेद
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि23 जनवरी 1937
आयु (2018 के अनुसार)81 वर्ष
जन्मस्थानराजकोट, गुजरात, भारत
राशिकुंभ
हस्ताक्षरवजुभाई वाला के हस्ताक्षर
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरगांधीनगर, गुजरात, भारत
स्कूल/विद्यालयज्ञात नहीं
महाविद्यालय/विश्वविद्यालयधर्मेंद्रसिंहजी कला कॉलेज, राजकोट
शैक्षिक योग्यताविज्ञान में स्नातक एलएलबी
धर्महिन्दू
जाति/समुदायक्षत्रिय (राजपूत)
पता7, कोट्स नगर, कालावाड़ रोड, राजकोट
शौक/अभिरुचिपुस्तकें पढ़ना
पुरस्कार/सम्मान• वर्ष 2006 में, उन्हें इंटरनेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली द्वारा 'सर्वश्रेष्ठ नागरिक भारत पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार को जीतने वाले पहले गुजराती हैं। • वर्ष 2007 में, उन्हें भारत इंटरनेशनल मैत्री सोसाइटी, नई दिल्ली द्वारा 'भारत गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
विवाद• मार्च 2015 में, कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के शपथ समारोह के दौरान जब भारत का राष्ट्र गान चल रहा था, तो वह बीच में ही चले गए, जिसकी काफी आलोचना हुई। हालांकि, बाद में वह वापस लौट आए थे और अपनी हरकत को गैर-इरादतन बताते हुए क्षमा भी माँगी। वजुभाई वाला राष्ट्र गान विवाद • वर्ष 2016 में, उन्होंने एक विवादास्पद वक्तव्य दिया जब उन्होंने कॉलेज की लड़कियों द्वारा शिक्षा संस्थानों में "फैंसी कपड़े और लिपस्टिक" का उपयोग करने पर पाबंदी लगा दी थी, क्योंकि उन्हें लगता था कि संस्थान "सौंदर्य प्रतियोगिता" के लिए नहीं हैं। • मई 2018 में, जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति सामने आई, तब सबसे बड़े दल भाजपा और कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार बनाने का दावा पेश करने लगी, लेकिन राज्यपाल वाला ने पहली बार भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया, क्योंकि वे 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी थी, जिसके चलते विधानसभा में भाजपा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन दिए। बीजेपी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यपाल वजुभाई वाला के निर्णय की कांग्रेस और जेडी (एस) ने कड़ी आलोचना की और इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताया।
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिविवाहित
परिवार
पत्नीमनोरमाबेन
बच्चेबेटा - 2 बेटी - 2
माता - पितापिता - रूदाभाई वाला माता - नाम ज्ञात नहीं
पसंदीदा चीजें
पसंदीदा राजनेताअटल बिहारी वाजपेयी , नरेंद्र मोदी
धन संबंधित विवरण
आय (राज्यपाल के रूप में)₹3.5 लाख प्रतिमाह + अन्य भत्ते (2018 के अनुसार)
संपत्ति (लगभग)₹60 लाख (2014 के अनुसार)

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