आपा जी, हां, इनके चाहने वाले इन्हें आपा कहकर बुलाते थे। उनसे दुश्मनी मोल लेने का मतलब था आप जिन्दगी को जोखिम में डाल रहे हैं। एक समय ऐसा भी था जब मुंबई में कभूतर भी इनकी मर्जी के बिना अपने पर नहीं पड़पाता था। नागपड़ा इलाके में इनके छुर्मों का एक छोटा सा गली आ रहा था। हम बात कर रहे हैं पुलिस कॉन्स्टेबल इब्राहिम कसकर की बेटी हसीना पारकर की। इब्राहिम कसकर के बारह बच्चे हुए, जिनमें से हसीना सातवें नंबर पे पैदा हुई। यह मशहूर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की छोटी बहन थी। हसीना का जन्म १९६९ में महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था। एक समय वह ऐसी आम आदमी की तरह जीती थी। मगर १९९१ में, मुंबई में हुए गैंग वार की चपेट में, उनके हजबंद इस्माइल पारकर आ गए। अरुनगावली के गैंग के एक आदमी ने उनके पति की चान ले ली थी। उनका बड़ा भाई दाऊद अपने बहन के शौहर की मौत का बदला लिये बिना चुप नहीं बैठा। हर वह आदमी, जो इस्माइल पारकर की मौत की वज़ा से शक्का घेरे में था, दाऊद के हत्ते चढ़ गया और दाऊद ने उन सभी आदमियों की चान ले ली थी। फिर १९९३ में हुए बॉम्बे बॉम ब्लास्ट ने पूरे हिंदुस्तान को हिला दिया। इन ब्लास्ट की वज़ा से दाऊद को अपने जमाय जमाय एम्पायर को छोड़के हिंदुस्तान से भागना पड़ा। यहां से शुरू हुआ हसीना का सफर। हर वह काम जो पहले दाऊद समाल रहा था, अब हसीना के हुक्म के मुताबिक चल रहा था। वसूली करना, किडनैपिंग, काला बाजारी, किसी की जमीन हतिया लेना, ये सभी काम हसीना के एक इशारे पर होते थे। हसीना जिस बिल्डर की भी मदद करती उससे बदले में या तो फ़लेट या फिर एक बड़ी रकम होती। साउथ मुंबई से बांद्रा और कुर्ला तक किसी भी बिल्डर की मजाल नहीं थी कि उनकी इजाज़त के बिना कंस्ट्रक्शन कर ले। हसीना अपने नाकाम पर गार्डन हॉल एपार्टमेंट से मुंबई की पूरी काला बाजारी को समालती थी। हवाला रैकेट पर उनकी बड़ी मज़बूत पकड़ थी। भारत से मिडलीस पैसा भेजना हो या फिर वहां से भारत में लाना हो, आपा की इजाज़त के बिना कुछ नहीं होता था। टिश केबल ऑपरेशन किस एलाके में किस आदमी के पास होना चाहिए, ये हसीना ही डिसाइट करती थी। हसीना अपने गुर्गों को आदेश देती थी और वह काम हो जाता था। २००६ में हसीना ने अपने बेटे दानिश को एक कार एक्सिडेंट में खो दिया था जो अपने मामा दाऊद का सबसे लाड़ला भतीजा था। हसीना के नाम की ख़ासियत इतनी थी कि पूरा नागपड़ा कांपता था। उनकी मौजूदगी से फिर ६ जुलाई २०१४ को कार्डियक अरेस्ट की वज़ा से हसीना की मौत हो गई, ये वक्त रमजान का था और वह रोज़े से थीं जब उनकी मौत हुई।
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | हसीना पारकर |
उपनाम | हसीना आपा, लेडी डॉन |
व्यवसाय | गैंगस्टर |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 158 मी०- 1.58 फीट इन्च- 5' 2” |
वजन/भार (लगभग) | 70 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 1959 वर्ष |
आयु (मृत्यु के समय) | 55 वर्ष |
जन्मस्थान | गांव मुमका, रत्नागिरी जिला, महाराष्ट्र, भारत |
मृत्यु तिथि | 6 जुलाई 2014 |
मृत्यु स्थान | हबीब अस्पताल, दक्षिण मुंबई, भारत |
मृत्यु का कारण | हृदयाघात |
राशि | ज्ञात नहीं |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | गांव मुमका, रत्नागिरी जिला, महाराष्ट्र, भारत |
स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | ज्ञात नहीं |
शैक्षिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
परिवार | पिता - इब्राहिम कासकर माता - अमीना बी भाई - शबीर इब्राहिम कास्कर, नोरा इब्राहिम, अनीस इब्राहिम, सबिर अहमद, मोहम्मद हुमायून, मुस्ताकैम अली, ज़ैतून अंतुले इकबाल हसन, हसीना पारकर का भाई इकबाल हसन दाऊद इब्राहिम हसीना पारकर का भाई दाऊद इब्राहिम बहन - सईदा पारकर, फरज़ाना तुंगेकर, मुमताज़ शैख़ |
धर्म | इस्लाम |
पता | नागपाड़ा गॉर्डन हाउस बिल्डिंग, स्थानीय पुलिस स्टेशन के सामने, मुंबई हसीना पारकर का घर |
विवाद | • वह अपने भाई दाउद इब्राहिम की तरफ से मुंबई में एक जबरन वसूली रैकेट का संचालन करने के लिए कुख्यात थीं। • वर्ष 2008 में, कथित तौर पर जबरन वसूली करने के आरोप में उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था। • कथित तौर पर हसीना हवाला रैकेट में भी शामिल थी, जिसमें भारत से मिडिल ईस्ट को पैसे भेजे जाते थे और वहां से मंगाए जाते थे। |
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
बॉयफ्रैंड्स एवं अन्य मामले | ज्ञात नहीं |
पति | इस्माइल पारकर इब्राहिम पारकर |
बच्चे | बेटा - दानिश पारकर, अलीशाह पारकर हसीना पारकर का छोटा बेटा अलीशाह पारकर अपनी पत्नी के साथ बेटी - कुदसिया पारकर, हुमायरा पारकर |
धन/संपत्ति संबंधित विवरण | |
वेतन (वर्ष 2014 के अनुसार) | ₹5000 करोड़ |