जो व्यक्ति हार कर भी जीत जाता है, उसे बाजीगर कहा जाता है, लेकिन कर्नाटक की राजनीति में इस बात को थोड़ा सा बदला जाता है। यहां हार कर जीतने वाले को बीएस यदुरपा कहा जाता है। बीएस यदुरपा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता हैं, जिनकी बदौलत ये कर्णाटक में एंट्री करके सरकार बना पाए। इनकी स्ट्रैटेजी और शैली को कई नेताओं ने कोशिश की, लेकिन फिर भी उनके जैसा रिकॉर्ड नहीं बना सके।
नमस्ते, मैं हुरियाश्री हूँ और आप देख रहे हैं ABP Live की नई सीरीज जटितों। इस वीडियो में हम बात करेंगे कर्नाटक के प्रमुख नेता बीएस यदुरपा की। यदुरपा कर्नाटक में बीजेपी के प्रमुख नेता हैं, जिनका प्रभाव बीजेपी को कर्णाटक में बड़ी स्थिति में लाने में मदद कर रहा है। उन्हें लिंगायत समुदाय से ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है, और उनकी राजनीतिक करियर में उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उन्होंने अपनी ताकत का सही इस्तेमाल किया है।
यदुरपा का राजनीतिक सफर लंबा है और उन्होंने कई बार कर्णाटक के मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ा है, लेकिन किस्मत ने कभी भी उनके साथ नहीं रही। उन्होंने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और हमेशा आगे बढ़े।
यदुरपा का राजनीतिक करियर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वेम सेवक के रूप में शुरू हुआ था, और उनका योगदान से उन्होंने बीजेपी को कर्णाटक में मजबूत किया है। उन्होंने अपने समर्पण और सेवा के माध्यम से लोगों के बीच अपार प्रभाव बनाया है और उन्हें कर्णाटक की राजनीति में एक महत्वपूर्ण नेता बना दिया है।
यदुरपा के साथ कुछ चुनौतियों ने रुकावटें तो बनाईं, लेकिन उन्होंने अपनी स्ट्रैटेजी और ताकत का सही इस्तेमाल करके हमेशा से उच्च स्थान पर बने रहने का काम किया है। इस वक्त, जब यदुरपा चुनाव में नहीं लड़ रहे हैं, बीजेपी ने उनके विरुद्ध एक स्ट्रॉन्ग उम्मीदवार वी वाई विजेंद्र को चुना है ताकि उनका समर्थन बना रहे और पार्टी को स्थिरीकृत रखा जा सके।
यदुरपा की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सही दिशा और सही योजना के साथ, किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है, और जीत हमेशा उन्हीं के होती है जो कभी हार नहीं मानते। यह भी दिखाता है कि नेतृत्व और सेवा के माध्यम से किसी भी समुदाय को समृद्धि की दिशा में ले जाया जा सकता है। यदुरपा का संघर्ष एक प्रेरणास्रोत है, जो हर किसी को उनकी संघर्ष भरी जीवनी से कुछ सिखने को मिल सकता है।
इसलिए, यदि आपको यह वीडियो पसंद आया हो तो कृपया इसे लाइक करें, चैनल को सब्सक्राइब करें, और ABP Life को सपोर्ट करना जारी रखें।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| वास्तविक नाम | बूकानाकेरे सिद्धलिंगप्पा येदियुरप्पा |
| व्यवसाय | भारतीय राजनेता |
| पार्टी/दल | भारतीय जनता पार्टी भारतीय जनता पार्टी झंडा |
| राजनीतिक यात्रा | • वर्ष 1965 में, वह आरएसएस में एक कार्यकर्ता के रूप में शामिल हुए। • वर्ष 1972 में, उन्हें शिकारीपुरा टाउन नगर पालिका के सद्स्य के रूप में नियुक्त किया गया। • वर्ष 1975 में, वह जनसंघ की तालुक इकाई के अध्यक्ष के रूप में चुने गए। • वर्ष 1985 में, वह बीजेपी की शिमोगा इकाई के अध्यक्ष बने। • वर्ष 1988 में, उन्हें कर्नाटक राज्य के भाजपा अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया। बी. एस. येदियुरप्पा नरेंद्र मोदी के साथ • वर्ष 1994 के विधानसभा चुनावों में वह कर्नाटक विधानसभा के विपक्ष के नेता बने। • वर्ष 1999 में, वह चुनाव हार गए, लेकिन फिर भी उन्हें विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया। • वर्ष 2007 में, वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने और वर्ष 2011 में इस्तीफा दे दिया। • वर्ष 2018 में, उन्होंने कर्नाटक के 23 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। येदियुरप्पा 23 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करते हुए |
| मुख्य प्रतिद्वंदी | कांग्रेस नेता सिद्धारमैया |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई | से० मी०- 170 मी०- 1.70 फीट इन्च- 5’ 7” |
| वजन/भार (लगभग) | 70 कि० ग्रा० |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | सफ़ेद |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 27 फरवरी 1943 |
| आयु (2018 के अनुसार) | 75 वर्ष |
| जन्मस्थान | मांड्या जिले के बुक्कनकेरे, भारत |
| राशि | मीन |
| हस्ताक्षर | बी॰ एस॰ येदियुरप्पा हस्ताक्षर |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | बुक्कनकेरे, भारत |
| स्कूल/विद्यालय | पीईएस कॉलेज, मंड्या, कर्नाटक |
| महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | कोई नहीं |
| शैक्षिक योग्यता | 12 वीं पास |
| धर्म | हिन्दू |
| जाति/समुदाय | लिंगायत समुदाय |
| पता | मिथ्री निवासा, मालरकेरी, शिकारीपुरा, कर्नाटक |
| पुरस्कार | इंडिया टुडे द्वारा उन्हें कानून और व्यवस्था श्रेणी में "Fastest Mover Award" से सम्मानित किया गया |
| विवाद | • वर्ष 2004 में, सूत्रों के मुताबिक बी.एस. येदियुरप्पा और शोभा करंदलाजे (लोकसभा सांसद, बीजेपी) के मध्य संबंध थे। • वह विवादों में तब आए जब उन्होंने एक दलित परिवार के घर किसी होटल से भोजन आर्डर कर के खाया। बी॰ एस॰ येदियुरप्पा दलित परिवार के घर भोजन करते हुए • बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा उस समय एक नए विवाद में घिर गए, जब उन्होंने मैसूर के पास गुंडूलपेट विधानसभा क्षेत्र के वडरा होसहल्ली गांव में एक महिला को एक लाख रुपए की नगद सहायता राशि दी, क्योंकि उस महिला के पति ने कर्ज के बोझ तले खुदखुशी कर ली थी। उस समय वहाँ विधानसभा उपचुनाव का मतदान होना था। जिसके चलते उन पर यह आरोप लगा कि उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा लागू की गई आदर्श आचार संहिता की उल्लंघना की है। • वर्ष 1975 में, उन्हें आपातकालीन अवधि के दौरान शिमोगा और बेल्लारी से 45 दिनों के लिए गिरफ्तार किया गया था। बी॰ एस॰ येदियुरप्पा गिरफ्तारी के दौरान |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| विवाह तिथि | वर्ष 1967 |
| परिवार | |
| पत्नी | मित्रदेवी बी॰ एस॰ येदियुरप्पा अपनी पत्नी के साथ |
| बच्चे | बेटा - बी वाई राघवेंद्र और विजयेंद्र बी॰ एस॰ येदियुरप्पा अपने बेटों के साथ बेटी - अरूणादेवी, पद्मावती और उमादेवी बी॰ एस॰ येदियुरप्पा अपने परिवार के साथ |
| माता - पिता | पिता - सिद्धलिंगप्पा माता - पुट्टतायम्मा |
| भाई - बहन | भाई - कोई नहीं बहन - पी एस प्रेमा बी॰ एस॰ येदियुरप्पा अपनी बहन के साथ |
| पसंदीदा चीजें | |
| पसंदीदा राजनेता | अटल बिहारी वाजपेयी , नरेंद्र मोदी |
| धन संबंधित विवरण | |
| कार संग्रह | टोयोटा लैंड क्रूजर प्राडो बी॰ एस॰ येदियुरप्पा कार |
| आय (कर्नाटक के विधायक के रूप में) | ₹98000 + अन्य भत्ते |
| संपत्ति (लगभग) | ₹7 करोड़ (2014 के अनुसार) |
