भलाई की ओर बढ़ते हुए, पहलवार बनने की कहानी एक अद्वितीय सफलता की ओजस्वी गाथा है। यह कहानी एक नए उत्तीर्ण दृष्टिकोण से लेकर हमें एक महान खिलाड़ी के जीवन का अंश सुनाती है। पहलवार बनने का सफर दीपक पुनिया के जीवन में जोरदार परिवर्तन और समर्पण की कहानी है।
पहलवार बनने का सफल सफर देखने के लिए, हमें २००८-०९ के दिनों में दीपक के परिवार के आर्थिक हालात तक पहुँचना होगा। उनके पिताजी का दूध व्यापार करने का साहस और उनके बड़े भाई सुनिल के पैलवार बनने का प्रेरणादायक संघर्ष का सामना करना होगा। परिवार की आर्थिक कमियों के बावजूद, दीपक ने खुद को कुश्ती में पूरी तरह समर्पित किया और उसका संघर्ष आज के तारीख में उन्हें विश्व स्तरीय पहलवान बनाने का सफलतापूर्वक साबित हुआ है।
उनके प्रयासों का फल सारे भारत वर्ष में फैल गया है और उन्होंने देश को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में गर्वित किया है। उनका संघर्ष, उनकी मेहनत और उनका समर्पण हर किसी को प्रेरित करने का कारण बन गया है।
दीपक पुनिया ने अपने अनौपचारिक शुरुआती दिनों से ही अपने मास्टर विरेंदर कुमार के पास पहुँचने के बाद, अपने खेल में सुधार और उन्नति का प्रयास किया है। उनका मास्टर उन्हें न केवल एक अच्छे पहलवान बनाने में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए भी प्रेरित करते हैं।
दीपक पुनिया का सफल सफर न केवल एक बड़े खिलाड़ी के रूप में है, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत भी है। उनका यह अद्भुत सफर हमें यह सिखाता है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत, समर्पण, और आत्मविश्वास अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्हें उनकी मेहनत और संघर्ष के लिए हम सभी को सलामी देते हैं।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| अन्य नाम | बजरंग पूनिया |
| व्यवसाय | भारतीय फ्रीस्टाइल पहलवान |
| जाने जाते हैं। | 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों के 86 किग्रा वर्ग की कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतने के लिए |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 177 मी०- 1.77 फीट इन्च- 5’ 8” |
| भार/वजन [1] | 86 कि० ग्रा० |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | काला |
| कुश्ती | |
| मौजूदा टीम | इंडिया |
| इंटरनेशनल डेब्यू | 2016 त्बिलिसी, जॉर्जिया में कैडेट विश्व चैंपियनशिप |
| कोच | • वीरेंद्र कुमार • सतपाल सिंह |
| पदक | स्वर्ण पदक • 2016 कैडेट विश्व चैम्पियनशिप (त्बिलिसी) में 85 किग्रा वर्ग कैटेगरी में • 2018 एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (नई दिल्ली) में 86 किग्रा वर्ग कैटेगरी में • 2019 जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप (तालिन) 86 वर्ग कैटेगरी में स्वर्ण पदक • 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की फ्रीस्टाइल 86 किग्रा वर्ग कैटेगरी में Deepak Punia won gold at the 2022 Birmingham Commonwealth Games रजत पदक • 2018 जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप (ट्रनावा) में 86 किग्रा वर्ग कैटेगरी में • 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप (नूर-सुल्तान) 86 किग्रा वर्ग कैटेगरी में • 2019 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप (शीआन) 86 किग्रा वर्ग कैटेगरी में कांस्य पदक • 2020 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप (नई दिल्ली) 86 किग्रा वर्ग कैटेगरी में • 2021 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप (अल्माटी) 86 किग्रा वर्ग कैटेगरी में |
| पुरस्कार/उपलब्धियां | वर्ष 2021 में दीपक पुनिया को भारत सरकार द्वारा "पद्मा श्री" पुरस्कार से सम्मानित किया गया। Deepak Punia with Padma Shri award |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 19 मई 1999 (बुधवार) |
| आयु (2022 के अनुसार) | 23 वर्ष |
| जन्मस्थान | छारा, झज्जर, हरियाणा, भारत |
| राशि | वृषभ (Taurus) |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | छारा, झज्जर, हरियाणा |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
| परिवार | |
| पत्नी | लागू नहीं |
| माता/पिता | पिता - सुभाष पुनिया (दूधिया) Deepak Punia's father माता - कृष्णा पूनिया Deepak Punia with his mother |
| बहन/भाई | बहन - नीरू ढांडा (भारत निशानेबाजी टीम) |
