देवेंद्र झाझरिया एक प्रमुख भारतीय भाला फेंक (जेवलिन थ्रोअर) हैं जो किसी पैरालंपिक इवेंट (रियो 2016) में दो गोल्ड मेडल हासिल करने वाले पहले भारतीय हैं।
देवेंद्र झाझरिया का जन्म राजस्थान के चूरू जिले के एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता राम सिंह झाझरिया किसान थे और माता जीवनी देवी झाझरिया एक गृहणी थीं।
देवेंद्र को बचपन से ही खेल के प्रति बहुत लगाव था, जिससे उन्होंने स्कूल में होने वाले सभी खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया। उनके टैलेंट को पहचानने वाले कोच आर डी शर्मा ने उन्हें खेलों में भाग लेने की सलाह दी। वह जेवलिन के शुरुआती दिनों में अपने खेत में लकड़ी के बने भाले से भाला फेंक का अभ्यास करते थे।
उनकी पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने जिलास्तरीय टूर्नामेंट में भाग लिया और भाला फेंक कम्पटीशन में गोल्ड मैडल जीता। वर्ष 2002 में दक्षिण कोरिया में आयोजित 8वीं FESPIC खेलों में उन्होंने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था।
देवेंद्र झाझरिया ने वर्ष 2003 में ग्रीस की सिटी एथेंस में जेवलिन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय पैरालम्पिक बने और उन्होंने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद, उन्होंने वर्ष 2004 में एथेंस में आयोजित जेवलिन पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
देवेंद्र झाझरिया को वर्ष 2012 में भारत सरकार द्वारा “पद्मा श्री” पुरस्कार से सम्मानित किया गया और उन्होंने 2016 रियो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद देश का गर्व बढ़ाया।
वर्ष 2020 के टोक्यो पैरालंपिक के लिए उनकी तैयारी भी अच्छी रही है और उन्होंने नए विश्व रिकॉर्ड के साथ क्वालीफाई किया है। उनका संघर्ष, उनकी मेहनत और उनका उत्कृष्टपन एक प्रेरणास्त्रोत हैं, जो भारत को गर्वित करते हैं।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| व्यवसाय | भारतीय एथलीट (जेवलिन थ्रो) |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 183 मी०- 1.83 फीट इन्च- 6" |
| वजन/भार (लगभग) | 80 कि० ग्रा० |
| चेस्ट (लगभग) | 44 |
| कमर (लगभग) | 34 |
| बाइसेप्स (लगभग) | 14 |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | काला |
| ट्रैक और फील्ड | |
| इवेंट | • 2016: एफ-46 जेवलिन • 2004: एफ-44/46 जेवलिन |
| इंटरनेशनल डेब्यू | 2002 में पैरा-एशियाई खेलों में |
| कोच/सरंक्षक | • आरडी सिंह • सुनील तंवर |
| रिकॉर्ड/उपलब्धियां | • 2002 पैरा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता। • 2004 एथेंस पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीता • 2004 में भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित • 2012 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित • 2016 रियो पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीता • 2017 में भारत सरकार द्वारा राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार (अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार) से सम्मानित |
| करियर टर्निंग पॉइंट | 2004 एथेंस ओलंपिक में जब उन्होंने जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता। |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 10 जून 1981 (बुधवार) |
| आयु (वर्ष 2021 के अनुसार) | 40 वर्ष |
| जन्मस्थान | राजगढ़, चुरू जिला, राजस्थान, भारत |
| राशि | मिथुन (Gemini) |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | चुरू जिला, राजस्थान (जयपुर में रहते हैं) |
| स्कूल | गवर्नमेंट हाई स्कूल, रतनपुरा, चुरू, राजस्थान |
| कॉलेज/विश्वविद्यालय/महाविद्यालय | एनएमपीजी कॉलेज, हनुमानगढ़, राजस्थान |
| शैक्षणिक योग्यता | बीए |
| धर्म | हिन्दू |
| शौक/अभिरुचि | यात्रा करना |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| परिवार | |
| पत्नी | मंजू (पूर्व राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी) Devendra Jhajharia with his wife |
| बचें | बेटा - काव्यान बेटी - जिया Devendra Jhajharia with his son and duaghter |
| माता-पिता | पिता - राम सिंह झाझरिया Devendra Jhajharia's father माता - जीवनी देवी झाझरिया Devendra Jhajharia's mother |
| भाई | भाई - 2 • अरविंद झाझरिया • प्रदीप झाझरिया |
| धन संबंधित विवरण | |
| कार संग्रह | मारुति सुज़ुकी स्विफ्ट डिजायर Devendra Jhajharia in his Maruti Suzuki Dzire car |
