धनराज पिल्लै का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था और उनका बचपन ऑर्डनेंस फैक्ट्री स्टाफ कॉलोनी में बिता था, जहां उनके पिता ग्राउंडसमैन थे। उनका बचपन उस समय की यादगार खेलों के साथ जुड़ा हुआ था, जब वह टूटी हुई छड़ी और हॉकी गेंद के साथ कीचड़ में खेलते थे।
धनराज पिल्लै के बड़े भाई रमेश पिल्लै भी एक हॉकी खिलाड़ी थे, जो मुंबई लीग में आरसीएफ के लिए खेलते थे। उनके भाई की मार्गदर्शन में वह मुंबई गए और एक उत्कृष्ट स्ट्राइकर बने और प्रोफेशनल हॉकी में पदार्पण किया।
धनराज ने 17 साल की उम्र में मणिपुर में आयोजित जूनियर नेशनल हॉकी टूर्नामेंट खेला और इसके बाद दिल्ली में आयोजित संजय गांधी टूर्नामेंट (1987) खेला। वर्ष 1988 में, उन्होंने दिल्ली में अपना पहला राष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट खेला। उनका खेलने का शौक और कौशल सभी को प्रभावित करते रहे।
उन्होंने अपनी उच्चतम गुणवत्ता के लिए पहचान बनाई और कोच Joquim Carvalho ने उन्हें मुंबई में महिंद्रा एंड महिंद्रा के लिए खेलने के लिए आमंत्रित किया। वर्ष 1989 में, धनराज पिल्लै ने नई दिल्ली में आयोजित ऑलविन एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट में अपने अंतरराष्ट्रीय हॉकी करियर की शुरुआत की; उनका पहला मैच 20 दिसंबर 1989 को चीन के खिलाफ था।
पिल्लै ने एकमात्र ऐसे हॉकी खिलाड़ी होने का रिकॉर्ड बनाया है, जिन्होंने 4 ओलंपिक गेम्स (1992, 1996, 2000 और 2004), 4 विश्व कप टूर्नामेंट (1990, 1994, 1998 और 2002), 4 चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट्स (1995, 1996, 2002 और 2003), और 4 एशियाई गेम्स (1990, 1994, 1998 और 2002) खेले हैं। उन्हें भारतीय हॉकी टीम का कप्तान बनाया गया था और उनकी कप्तानी के तहत भारत ने वर्ष 1998 में आयोजित एशियाई खेल को जीता, जहां उन्होंने सर्वाधिक गोल किए थे और इसके अलावा एशिया कप (2003) में भी सर्वाधिक गोल किए थे।
सिल्वर विश्व कप (1994) में वर्ल्ड इलेवन टीम में शामिल होने वाले पिल्लै एकमात्र भारतीय खिलाड़ी थे। वर्ष 1989 से वर्ष 2004 तक, अपने हॉकी करियर में उन्होंने 339 मैच खेले और 170 गोल किए। उन्हें अर्जुन पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न और पद्मश्री जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| वास्तविक नाम | धनराज पिल्लै |
| व्यवसाय | भारतीय हॉकी खिलाड़ी |
| लोकप्रियता | भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 173 मी०- 1.73 फीट इन्च- 5' 8" |
| वजन/भार (लगभग) | 65 कि० ग्रा० |
| आँखों का रंग | गहरा भूरा |
| बालों का रंग | काला |
| हॉकी | |
| अंतर्राष्ट्रीय शुरुआत | वर्ष 1989 में, ऑलविन कप (नई दिल्ली में आयोजित) |
| डोमेस्टिक/स्टेट टीम | इंडियन एयरलाइन, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सिटी मुंबई |
| कोच / संरक्षक (Mentor) | Leslie Claudius (संरक्षक) धनराज पिल्ले के सरंक्षक |
| पोजीशन | फॉरवर्ड |
| रिकॉर्ड्स (मुख्य) | • 4 ओलंपिक, 4 विश्व कप, 4 चैंपियंस ट्रॉफी और 4 एशियाई खेलों में खेलने वाले एकमात्र भारतीय हॉकी खिलाड़ी। • अपनी कप्तानी के तहत उन्होंने भारतीय हॉकी टीम को वर्ष 1998 के एशियाई खेलों और वर्ष 2003 के एशिया कप में जीत दर्ज़ करवाई थी। |
| पुरस्कार/सम्मान | • वर्ष 1995 में, उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • वर्ष 2001 में, उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • ईस्ट बंगाल क्लब ने उन्हें भारत गौरव (2017) पुरस्कार से सम्मानित किया। |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 16 जुलाई 1968 |
| आयु (वर्ष 2018 के अनुसार) | 50 वर्ष |
| जन्मस्थान | महाराष्ट्र में पुणे के पास खड़की |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | महाराष्ट्र में पुणे के पास खड़की |
| राशि | कर्क |
| स्कूल/विद्यालय | एस वी एस हाई स्कूल, खड़की |
| महाविद्यालय/विश्वविद्यालय/कॉलेज | ज्ञात नहीं |
| शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
| धर्म | हिन्दू |
| जाति | वेल्लालर |
| विवाद | वर्ष 1998 के बैंगकॉक एशियाड खेलों में जीत दर्ज करने के बाद उनका टीम में चयन नहीं किया गया। प्रबंधन ने कारण बताते हुए कहा कि पिल्लै और अन्य 6 खिलाड़ियों को आराम को दिया गया है, जबकि ऐसा कहा जाता है कि पिल्लै और अन्य 6 खिलाड़ियों को प्रबंधन के द्वारा इसलिए नहीं चयनित किया गया, क्योंकि उनका और प्रबंधन के बीच अच्छी तरह से स्वागत नहीं करना और मैच शुल्क जैसे मुद्दों के कारण टीम में शामिल नहीं किया गया। |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य मामलें | |
| वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
| परिवार | |
| पत्नी | कोई नहीं |
| बच्चे | कोई नहीं |
| माता-पिता | पिता - नागालिंगम पिल्लै माता - अंदालम्मा |
| भाई-बहन | भाई - रमेश पिल्लै बहन - कोई नहीं |
| पसंदीदा चीजें | |
| पसंदीदा हॉकी खिलाड़ी | रमेश पिल्लै, मोहम्मद शाहिद, जफर इकबाल |
| पसंदीदा खिलाड़ी | साइना नेहवाल , एमएस धोनी , विश्वनाथन आनंद |
