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Gama Pahalwan

दोस्तों, सबसे दिलचस्प बात यह है कि लगभग सभी बावद साल के करियर में गामा को कोई भी नहीं हरा सका। वे एक दिन में हजार पुष्प लगाते थे और उनकी डाइट को सुनकर तो आप हैरान ही रह जाएंगे। गामा जैसा पहलवान वास्तव में कभी नहीं हुआ था, यहां तक कि मार्शल आर्ड के बारे में बात होती थी, जिसकी बात सुनकर मुझे लगातार गामा पहलवान के वीडियो बनाने का अनुरोध मिला और आप लोगों की मांग पर मैं आज का यह वीडियो बना रहा हूं। चलिए दोस्तों, इस महान हस्ती के जीवन को हम शुरू से जानते हैं।

गामा पहलवान का जन्म बाइस माई अथारासो, अमृतसर, पंजाब, में हुआ था। उनके पिता का नाम मुहम्मद अजीस था, जो एक प्रसिद्ध पेशेवर पहलवान थे, लेकिन गामा की जन्म के कुछ सालों बाद उनकी मृत्यु हो गई। तब दत्या के महाराज ने गामा को पहलवानी की ट्रेनिंग देने के लिए अपने पास रख लिया। पहलवानी की गुण सिखते हुए, गामा ने सिर्फ दस साल की उम्र में कई महारतों को प्रदर्शित किया और अपने अद्भुत टैलेंट की वजह से उन्होंने आसपास के राज्यों में तेजी से प्रसिद्ध हो गए।

लेकिन गामा का नाम पूरे देश में तब प्रसिद्ध हुआ जब उन्होंने अठारह साल की उम्र में रुस्तमे हिंद, बक्त सुल्तानी वाला को चुनौती दी। रहीम की लंबाई 6 फीट 9 इंच थी जबकि गामा की सिर्फ 5 फीट 7 इंच थी, लेकिन उस फाइट से गामा को जरा भी डर नहीं लगा। उन्होंने उस मैच में रहीम से बराबर की कुश्ती लड़ी और आखिरकार मैच ड्रा हो गया।

गामा पहलवान की प्रसिद्धी साल दर साल बढ़ती रही और वे 1898 से 1907 के बीच दत्या के गुलाम मोहेवदीन, भोपाल के प्रताब सेन, हिंदावर के अली बाबा सेन और मुल्तान के हसल जैसे नामी पहलवानों को लगातार हराते रहे। एक बार फिर से 1910 में, गामा का शामना सुस्तमे हिंद दहीम वक्स के साथ हुआ, लेकिन इस बार भी मैच ड्रा रहा।

अब तक गामा एक ऐसे पहलवान बन चुके थे जिन्होंने रिंग में किसी को भी हरा दिया था। भारत में अजेय रहने के बाद, गामा ब्रिटेन गए और वहां विदेशी पहलवानों को धूल चटाने का मन बनाया। लेकिन उन्हें वेस्टर्न फाइटिंग में शामिल नहीं किया गया। इस बात से गामा को बहुत दुःख हुआ और उन्होंने वहां की सबसे बड़े पहलवान, स्टैनिस लॉस जविसको, को खुली चुनौती दी। वर्ल्ड चैम्पियन स्टैनिस लॉस ने भी गामा की चुनौती को स्वीकार किया और आखिरकार 10 सितम्बर 1910 को उनके बीच मैच हुआ।

दो घंटे 35 मिनट तक जारी रहने के बाद, मैच का कोई नतीजा नहीं आया और यह ड्रा हो गया। मैच को 19 सितम्बर को दोबारा खेलने का निर्णय लिया गया, लेकिन जब इसको मैच में आने की हिम्मती नहीं जुटा पाया गया, गामा की जीत के साथ ही उनका नाम दुनिया के प्रसिद्ध पहलवानों के संग संबंध जुड़ गया। आखिरकार, 1927 में गामा पाकिस्तान चले गए और वहां लंबी बीमारी के चलते 1963 में उनकी मौत हो गई।

बॉडी बिल्डिंग के लिए आजकल के समय में बहुत सारे उपकरण आ रहे हैं, लेकिन गामा पहलवान ने पत्थरों से बनाए हुए डंबल, हसली, और गूला के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में सुरक्षित रखा गया है। आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत धन्यवाद। इस वीडियो को लाइक करके आप हमारा मनोबल बढ़ा सकते हैं। दोस्तों, अगर आप हमारे वीडियो को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहते तो कृपया चैनल को सब्सक्राइब करें और अपनी राय नीचे कमेंट करें। धन्यवाद।

 

 

 

जीवन परिचय
वास्तविक नामगुलाम हुसैन बख्श
उपनामरुस्तम-ए-हिंद, रुस्तम-ए-जमां, द ग्रेट गामा
अखाड़ा में नामगामा पहलवान
व्यवसायपूर्व भारतीय पहलवान
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 173 मी०- 1.73 फीट इन्च- 5’ 8”
वजन/भार (लगभग)110 कि० ग्रा०
शारीरिक संरचना (लगभग)-छाती: 46 इंच -कमर: 34 इंच -Biceps: 22 इंच
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगकाला
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि22 मई 1878
जन्मस्थानगांव जब्बोवाल अमृतसर, पंजाब, ब्रिटिश भारत
मृत्यु तिथि23 मई 1960
मृत्यु स्थानलाहौर, पंजाब, पाकिस्तान
मृत्यु कारणदिल की और अस्थमा की पुरानी बीमारी के कारण
आयु (मृत्यु के समय)82 वर्ष
राशिमिथुन
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरअमृतसर, पंजाब, भारत
स्कूल/विद्यालयज्ञात नहीं
महाविद्यालय/विश्वविद्यालयज्ञात नहीं
शैक्षिक योग्यताज्ञात नहीं
परिवारपिता - मोहम्मद अजीज बख्श पहलवान माता - नाम ज्ञात नहीं भाई - इमाम बख्श पहलवान गामा पहलवान अपने छोटे भाई इमाम बख्श के साथ बहन - ज्ञात नहीं
धर्मइस्लाम
जातिकश्मीरी
शौककसरत करना
पसंदीदा चीजें
पसंदीदा भोजनदूध और दुग्ध से बनने उत्पाद
पसंदीदा व्यंजनदेसी मुर्गी, मेवे
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिविवाहित
गर्लफ्रेंड व अन्य मामलेज्ञात नहीं
पत्नीवज़ीर बेगम गामा पहलवान अपनी पत्नी वज़ीर बेगम के साथ 1 अन्य पत्नी
बच्चेबेटी - 4 बेटा - 5 पोती - कलसूम नवाज शरीफ (नवाज शरीफ की पत्नी)

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