गुलाब कौर, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, जिन्होंने ग़दर पार्टी का समर्थन किया, बीबी गुलाब कौर के नाम से भी मशहूर थीं। वह एक सिख परिवार से थीं और भारतीय क्रांतिकारी भी थीं।
गुलाब कौर ने बहुत जल्दी ही मान सिंह नामक एक लड़के के साथ शादी कर ली और फिलीपींस के मनीला में बस गईं। लेकिन उनका सच्चा प्यार और सम्मान उन्हें उस समय मिला जब उन्होंने ग़दर पार्टी के व्याख्यान सुनना शुरू किया। गुलाब कौर ने महिलाओं को लैंगिक असमानता और सती जैसी प्रथाओं से मुक्त करने का संकल्प किया।
पंजाब में मजदूर और किसान वर्ग के लोग रोजगार की तलाश में विदेशों की ओर पलायन कर रहे थे। गुलाब और उनका पति भी फिलीपींस की ओर चले गए, लेकिन उनका अंतिम गंतव्य अमेरिका में स्थापित हुआ।
ग़दर पार्टी की स्थापना 15 जुलाई 1930 को हुई थी, जिसने भारत के प्रवासी नागरिकों द्वारा भारत पर ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त करने के लिए आंदोलन किया। गुलाब कौर ने पार्टी के सदस्य बनने का निर्णय लिया और उन्होंने पार्टी के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यों में भाग लिया।
उन्होंने मनीला में भारतीय समुदायों को जोड़ने के लिए कार्य किया और अपने प्रेरक भाषणों से लोगों को समर्थन दिया। गुलाब कौर ने पार्टी के साथ बहुत सारे लोगों को एकजुट करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने अन्याय के खिलाफ उत्तेजना किया।
गुलाब कौर ने अपनी बहादुरी और संघर्ष के लिए पहचान बनाई और ग़दर पार्टी के साथ जुड़कर उन्होंने भारत के लिए अपना संघर्ष जारी रखा।
| Gulab Kaur | |
|---|---|
| व्यवसाय | भारतीय स्वतंत्रता सेनानी |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | वर्ष 1890 |
| जन्मस्थान | बख्शीवाला गाँव संगरूर जिला, पंजाब, भारत |
| मृत्यु तिथि | कुछ मीडिया हाउस के मुताबिक उनकी मृत्यु 1941 में 50 साल की उम्र में बताया जाता है [1] तो वहीं कुछ रिपोर्ट के मुताबिक पता चलता है कि उनकी मृत्यु 1931 में 40 साल की उम्र में हो गई थी। [2] |
| मृत्यु स्थल | पंजाब, भारत |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| धर्म | सिख |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारी | |
| विवाहिक स्थिति | विवाहित |
| परिवार | |
| पति | मान सिंह |
| माता-पिता | पिता - उनके पिता एक किसान थे। माता - नाम ज्ञात नहीं |
