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Gulzarilal Nanda

नमस्कार साथीयों,

आज हम गुल्याली लाल नन्दा साहब के बारे में चर्चा करेंगे। इसके पश्चात, नेहरू की डाइट के बाद, उन्होंने कारवाख पिधानमंत्री का कार्यभार संभाला। यह अनूठा है कि उन्होंने मौत के बाद भी सक्रिय भूमिका निभाई और देश के लिए कारगर योजनाएं बनाईं। उनका साहस और योगदान देश की आज़ादी में महत्वपूर्ण रहा है।

आजादी के बाद, देश के सामने कई चुनौतियों ने खड़ी की थीं। लेकिन गुल्याली लाल नन्दा ने उन समस्याओं का सुगम समाधान निकाला। उन्होंने ज़मीन से जुड़े हर मुद्दे का समझदारी से सामना किया और समाधान निकाला। उनकी नेतृत्व में, देश ने समृद्धि की ऊंचाइयों को छूने में कामयाबी प्राप्त की।

गुल्याली लाल नन्दा का जन्म 4 जुलाई 1888 को तित्वी, पंजाब, पाकिस्तान में हुआ था। उनके पिता का नाम राम नंदा और माता का नाम ईसोर देवी था। उनका विद्यालयी शिक्षा से संबंधित भी एक गहरा संबंध था और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पढ़ाई पूरी की।

उन्होंने अहमदाबाद के एललबी फॉरेन किष्ट्यान कॉलेज से कला में अपनी पढ़ाई पूरी की और इलावाद विश्वविद्यालय से भी एलएलबी हासिल की। इनका शिक्षा क्षेत्र में उनका योगदान आज भी याद किया जाता है।

गुल्याली लाल नन्दा ने विभिन्न स्तरों पर सरकारी पदों को संभाला और उनका योगदान देश के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उनके नेतृत्व में, विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की गई और उनकी योजनाएं आज भी देश को लाभ पहुंचा रही हैं।

इनके अद्भुत योगदान और सेवाएं देश के लिए अद्वितीय हैं, और हम सभी को इनकी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

आप सभी को इस महान नेता की अनगिनत योजनाओं और सेवाओं के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए, जिससे हम एक समृद्ध और समृद्धिशील भविष्य की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

 

 

 

जीवन परिचय
वास्तविक नामगुलजारी लाल नंदा
व्यवसायराजनीतिज्ञ
शारीरिक संरचना
लम्बाईसे० मी०- 178 मी०- 1.78 फीट इन्च- 5’ 10”
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगकाला
राजनीति
राजनीतिक पार्टीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी
राजनीतिक यात्रा• वर्ष 1937 में, वह ब्रिटिश राज के अंतर्गत बम्बई विधानसभा के सद्स्य बने। • वर्ष 1937 से 1939 तक, वह बम्बई सरकार में संसदीय सचिव रहे। • वर्ष 1946 से 1950 तक, वह श्रम मंत्री रहे। • वर्ष 1957 के लोकसभा चुनावों में, उन्हें लोकसभा सद्स्य के लिए चुना गया। • वर्ष 1962 में, गुजरात के साबरकंठा निर्वाचन क्षेत्र से उन्हें पुनः लोकसभा सद्स्य के रूप में चुना गया। • वर्ष 1962 से 1963 तक, वह पुनः श्रम और रोजगार मंत्री बने। • वर्ष 1963 से 1966 तक, वह गृह मंत्री रहे। • वर्ष 1967 से 1971 तक, उन्हें पुनः हरियाणा के कैथल (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से लोकसभा सद्स्य के रूप में चुना गया। • वर्ष 1970 से 1971 तक, वह केंद्रीय रेल मंत्री रहे। • 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक, पंडिल जवाहर लाल नेहरू जी के निधन के बाद वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। • 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक, लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद वह पुनः कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने।
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि4 जुलाई 1898
जन्मस्थानसियालकोट, पंजाब, पाकिस्तान
मृत्यु तिथि15 जनवरी 1998
मृत्यु स्थलअहमदाबाद, गुजरात, भारत
आयु (मृत्यु के समय)99 वर्ष
मृत्यु का कारणस्वाभाविक मृत्यु
राशिकर्क
हस्ताक्षरगुलज़ारी लाल नंदा के हस्ताक्षर
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगर23, मैसन बेल्वेदेरे, चर्चगेट, बॉम्बे
स्कूल/विद्यालयज्ञात नहीं
महाविद्यालय/विश्वविद्यालयफ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज इलाहाबाद विश्वविद्यालय
शैक्षिक योग्यताकला में स्नातकोत्तर (फ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से) एलएलबी (इलाहाबाद विश्वविद्यालय से)
परिवारपिता - बुलाकी राम नंदा माता - ईश्वर देवी नंदा भाई - ज्ञात नहीं बहन - ज्ञात नहीं
धर्महिन्दू
जातिखत्री
शौक/अभिरुचिपुस्तकें पढ़ना
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति (मृत्यु के समय तक)विवाहित
विवाह तिथिवर्ष 1916
पत्नीलक्ष्मी देवी गुलज़ारी लाल नंदा (बाईं ओर) केवल कृष्ण मेहता (बीच में गुलज़ारी लाल नंदा के ससुर) लक्ष्मी देवी (दाईं ओर) पुष्पा नंदा (नीचे बाईं ओर) नरेंद्र (नीचे बीच की ओर) महाराज कृष्ण मेहता (नीचे दाईं ओर)
बच्चेबेटे : नरेंद्र, महाराज कृष्ण मेहता बेटी : पुष्पा नंदा

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