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Jaggi Vasudev

एक दिन दोपहर में, मैं बस एक छोटी सी पहाड़ी पर बैठा था, जो उस शहर में है जहां मैं बड़ा हुआ था. उस पल तक मैंने हमेशा यही सोचा था कि यह मैं हूँ और वह कोई और है. मुझे किसी और से कोई परेशानी नहीं थी, पर वह कोई और है, यह मैं हूँ.

मेरे व्यस के जीवन में पहली बार इतने आशु बहने लगे थे कि मेरी शर्ट पूरी गीली थी. मुझे आशु आना संभव था. मैं ऐसा था, मैं हमेशा खुश रहा हूँ. मुझे इसकी परवाह नहीं थी कि वह कैसा था, लेकिन मैं उसे खोना नहीं चाहता था क्योंकि इससे खूबसूरत चीज मुझे कभी नहीं मिली थी और मैंने कभी सोचा नहीं था कि एक इंसान अपने सबसे करीबी दोस्तों के पास जाकर बताए कि मेरे साथ कुछ ऐसा हो रहा है, बात करते-करते मेरी आँखों में आँसू आ जाते।

लोग कहते, “क्या तुमने कुछ पिया था, कुछ खाया था, तुमने क्या किया था?” मुझे पता था कि किसी को कुछ कहने का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि जब मैं बस आसमान को देखता हूं, तो आँसू आ जाते हैं, पेड़ को देखता हूं तो आँसू आ जाते हैं, आँखें बंद करता हूं तो आँसू आ जाते हैं, मैं बस सराबोर था, छह महीनों में मेरी हर चीज जबरदस्त तरीके से बदल गई और मैंने समय का बोध खो दिया.

जब यह फिर हुआ, तो बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि मेरे आसपास लोग थे, मैं अपने परिवार के साथ खाने की टेबल पर बैठा था, मुझे वाकई लगा कि दो मिनट ही बीते हैं, लेकिन साथ घंटे बीत गए, मैं वहीं बैठा रहा, पूरी तरह से सचेत, पर मुझमें समय का कोई बोध नहीं था, यह कई बार हुआ।

एक दिन, मैं अपने खेत में बैठा था और मुझे लगा कि मैं सिर्फ 25-30 मिनटों के लिए बैठा हूँ, लेकिन मैं 13 दिन तक बैठा रहा। उसकी बेटी की शादी कब होगी? वह सारी बकवास जिससे मुझे नफरत थी, मेरे ही आसपास हो रही थी। मुझे वाकई लगा कि 25-30 मिनट हो गए हैं, पर वे लोग कह रहे थे, “तेरे दिन से ऐसा है, यह समाधी में है, यह वैसा है, वैसा है,” मैंने ये शब्द भी नहीं सुने थे।

मैंने यूरोपियन फिलॉसफी पढ़ी और बड़ा हुआ था, कामू, काफ्का, डॉस्टॉएव्स्की, जो लोग अमेरिका में पढ़ते हैं? उस समय बीटल्स और अन्य संगीत सुनता था. मैं और अध्यात्म दोनों अलग-अलग दुनियाएं थीं. मुझे वहां जाने का कोई सवाल ही नहीं था, तो मेरे अंदर वह शब्द नहीं थे – समाधी यह और वह। लोग कह रहे थे, “वह ऐसे समाधी में है, वह उस तरह की समाधी में है,” आप उन्हें छूएंगे तो यह होगा, और लोग मुझे पकड़ना चाहते थे. मैं बस यही कर सकता था. मैंने वह जगह छोड़ी और सफर पर निकल गया, सिर्फ इससे बचने के लिए, क्योंकि मैं समझ नहीं पा रहा था कि मेरे आसपास क्या हो रहा है।

मैं आपको यह कह रहा हूँ क्योंकि यह हर इंसान के लिए संभावना है। यह मेरी कामना और आशीर्वाद है कि यह आपके साथ हो। हर कोई इसका अधिकारी है और हर किसी में इसकी क्षमता है।

 

जीवन परिचय
उपनामसद्गुरु
व्यवसायभारतीय योगी और रहस्यवादी
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 172 मी०- 1.72 फीट इन्च- 5’ 8”
वजन/भार (लगभग)70 कि० ग्रा०
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगग्रे
करियर
डेब्यूफिल्म (अभिनेता) : ONE: The Movie (Directed by Scott Carter, Ward M. Powers, and Diane Powers)
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि3 सितंबर 1957
आयु (वर्ष 2018 के अनुसार)61 वर्ष
जन्मस्थानमैसूर, कर्नाटक, भारत
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरकर्नाटक, भारत
राशिकन्या
हस्ताक्षरजग्गी वासुदेव हस्ताक्षर
स्कूलDemonstration स्कूल, मैसूर (1973)
कॉलेजमैसूर विश्वविद्यालय
शैक्षणिक योग्यताअंग्रेजी साहित्य में स्नातक
धर्महिन्दू
पताईशा फाउंडेशन 15, गोविंदासामी नायडू लेआउट, सिंगनल्लूर, कोयंबटूर - 641005, भारत
शौक अभिरुचिगोल्फ खेलना, होप्सकॉच करना, क्रिकेट खेलना, वॉलीबॉल खेलना, बिलियर्ड्स खेलना, फ्रिसबी और ट्रेकिंग करना जग्गी वासुदेव पसंदीदा खेल खेलते हुए जग्गी वासुदेव पसंदीदा खेल खेलते हुए
विवाद• अक्टूबर 1997 में, अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद बैंगलोर पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई, जिसमें उन पर अपनी पत्नी पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगा था। जिसके कारण तमिल मीडिया ने सद्गुरु के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए, लाल झंडा दिखाया। • वह विवादों में तब आए, जब उनके खिलाफ तमिलनाडु जिला अदालत में एक याचिका दायर की गई, जिसमें उन पर आरोप लगा कि उनके ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर में दो वयस्क महिलाओं को बंदी बनाकर रखा गया है। • पर्यावरणविदों और कई राजनीतिक नेताओं ने दावा किया कि ईशा योग केंद्र वन भूमि पर स्थित है और वह पश्चिमी घाट के वेल्लियानिरी हिल्स में स्थित हाथियों के क्षेत्र (elephant corridor) का अतिक्रमण कर रहा है, जिससे हाथियों की पर्यावरणीय क्षति और मौत हो रही है।
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारी
वैवाहिक स्थितिविवाहित
विवाह तिथिवर्ष 1984 (महाशिवरात्री के दिन)
गर्लफ्रेंडविजयकुमारी
परिवार
पत्नीविजयकुमारी (बैंकर, मृत्यु 23 जनवरी 1997) जग्गी वासुदेव की पत्नी विजयकुमारी
बच्चेबेटा - कोई नहीं बेटी - राधे जग्गी (वर्ष 1990 में जन्म और एक कर्नाटक शास्त्रीय गायक संदीप नारायण से विवाहित) जग्गी वासुदेव की बेटी
माता-पितापिता - डॉ वासुदेव (ओप्थाल्मोलॉजिस्ट) माता - सुशीला वासुदेव जग्गी वासुदेव की माँ
भाई-बहनभाई - 1 बहन - 2
धन संबंधित विवरण
बाइक संग्रहरॉयल एनफील्ड
कुल संपत्ति (लगभग)₹250 करोड़

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