सब धवर्स्थ हो गया, यानि की कमलेश नागरकोटी कोटी की बाल Under-19 क्रिकेट में न्यूजीलैंड की धरती से क्रिकेट की दुनिया में अपनी धमक को महसूस करा देने वाले इस तेज गेंदबाज का नाम है। कमलेश नागरकोटी कोई उसे “वाडमेर एक्सप्रेस” कहता है, तो कोई उसकी परदीवागा पायल हुआ जा रहा है। Under-19 टीम का कोई गेंदबाज सीनियर टीम के गेंदबाजों से भी तेज बॉल फेक कर अपने आगाज के बारे में वताने लगे तो चर्चाओं का आकार अपने आप बड़ा हो जाता है। यही कारण है कि कमलेश नागरकोटी के चर्चा उसकी तेज गेंदबाजी के कारण क्रिकेट फैन्स से लेकर क्रिकेट जानकारों के बीच में हो रही है।
दिसम्बर 1999 को, वाडमेर, जहां राजस्थान के वाडमेर में जन्मे थे कमलेश नागरकोटी, क्रिकेट बचपन से खेलते थे। कोस्को बॉल से तेज गेंदवाजी करते थे और यही तेज गेंदवाजी की चाहत खुनर उनको आगे ले आया। गेंद कोस्को से लेधर की हो गई और फिर आगे का सफर शुरू हो गया। कमलेश नागरकोटी के परिवार उत्तराखण्ड के वागेश्वर के भरसीला गाँव से तालूक रखता है। हर माता-पिता की तरह, कमलेशवर नागरकोटी के माता-पिता को इस बात की चिंता थी कि क्रिकेट के चक्कर में लड़के का करियर न डूब जाए।
लेकिन अकादमी ज्वाइन करने के साथ ही नागरकोटी क्रिकेट के मैदान में कमाल करने लगे। तो घर के जीवन का कभी हिस्सा नहीं रहा। बल्लेबाजों को हर एक गेंद के साथ चखाते रहना नागरकोटी की आदतों में शुरु से ही शुमार था। दुनिया के कई ऐसे तेज गेंदबाज हुए हैं जिन्होंने अपनी शुरुआत को कॉस्को बॉल से की थी।
शोय बक्तर उनमें से एक थे और नागरकोटी ने अपनी शुरुआत को उसके बॉल से की, जो स्विंग की गेंद थी। उसकी स्पीड के लिए जाने जाने लगे था। इसी स्पीड के चलते ही, Under-19 वर्ल्ड कप जो न्यूजीलैंड में हुआ, जिसने भारत जीता, उनको शामिल किया गया और वहाँ जाकर उन्होंने अपनी स्पीड से तबाही मचाई।
13 साल की कम उम्र में ही कमलेश नागरकोटी ने अपना पहला मैच राजस्थान टीम के खिलाफ खेला था। तब से लगने लगा कि गेंदबाजी में तेज़ी ही इस लड़के को एक दिन पहचान दिलाएगी। वक्त के साथ साथ कमलेश ने बॉलिंग में तेज़ी और सयामता दोनों पर काम किया।
2016 में, कमलेश नागरकोटी कोटी के कोच ने उसे श्रीलंका भेजा, जहां उसने कमाल का प्रदर्शन किया। रणजी टीम में खेलते हुए पहली बार हैट्रिक लिया, मुंबई के खिलाफ हैट्रिक के तीनों विकेट नागरकोटी को क्लीन बोर्ड से मिले थे। नागरकोटी ने अंडर-19 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर स्टीव वॉ के बेटे को आउट किया।
पिछले साल, नागरकोटी को आईपीएल में करोड़ों के मौल पर खरीदा गया है। उनकी स्विंग, उनकी तेजी और उनकी गति अब सबके जहन में हैं। भारत पिछले कई सालों से तेज गेंदवाजी में कहीं न कहीं कमजोर है। हालांकि अभी भारत की तेज गेंदवाजी पहचानी है, लेकिन जो नई पोध है, जो नई प्योध आ रही है, अगर हम बात करें नागरकोटी की, शिवं मावी की, तो उनमें से एक बड़ा नाम नागरकोटी आगे चलकर भारत के लिए होगा।
पिछले साल, नागरकोटी को कोई भी आईपीएल टीम ने कोई भाव नहीं दिया था, लेकिन 2018 में, आईपीएल के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स ने तीन करोड़ बीस लाख रुपये की भारी भरकम राशि से नागरकोटी को अपने पाले में लिया था। बेंगलोर में आईपीएल के लिए खिलाड़ियों की बोली लग रही थी जब न्यूजीलैंड में कमलेश नागरकोटी होटल के वाश्रूम में बैठ गए थे, तब राहुल द्रविड़ ने कई बार नागरकोटी की स्तुति की।
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | कमलेश नागरकोटी |
उपनाम | ज्ञात नहीं |
व्यवसाय | क्रिकेटर (दाहिने हाथ के तेज गेंदबाज) |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई | से० मी०- 173 मी०- 1.73 फीट इन्च- 5’ 8” |
वजन/भार (लगभग) | 55 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | गहरा भूरा |
बालों का रंग | काला |
क्रिकेट | |
अंतर्राष्ट्रीय शुरुआत | U - 19 - 23 जुलाई 2017 को इंग्लैंड U-19 के खिलाफ चेस्टरफील्ड में |
जर्सी न० | # 5 (भारत U - 19) |
डोमेस्टिक/स्टेट टीम | राजस्थान |
कोच/संरक्षक (Mentor) | सुरेंद्र राठौर |
रिकॉर्ड | कोई नहीं |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 28 दिसंबर 1999 |
आयु (2017 के अनुसार) | 18 वर्ष |
जन्मस्थान | बाड़मेर, राजस्थान, भारत |
राशि | मकर |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | बाड़मेर, राजस्थान, भारत |
स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | ज्ञात नहीं |
शैक्षिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
परिवार | पिता - लक्ष्मण सिंह नागरकोटी (सेवानिवृत्त मानद कैप्टन) माता - ज्ञात नहीं बहन - ज्ञात नहीं भाई - ज्ञात नहीं |
धर्म | हिन्दू |
शौक | यात्रा करना |
पसंदीदा चीजें | |
पसंदीदा क्रिकेटर | रोहित शर्मा |