जब हम तमिलनाड़ु की राजनीति की चर्चा करते हैं, तो इसमें M. करणानिधी का नाम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर राजनीतिक संघर्ष तक, हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। M. करणानिधी का पूरा नाम मुत्तुवेल करणानिधी था, और वे भारतीय राजनीति के अग्रणी नेता होने के साथ-साथ तमिलनाड़ु के पूर्व मुख्यमंत्री भी रहे हैं।
करणानिधी ने तमिलनाड़ु के राजनीतिक दल, ड्रविड़ मुनेत्र कड़गा, के साथ जुड़कर अपने लंबे करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवा की। उनके उत्कृष्ट जीवन के पहले दिनों में, जन्म 3 जून 1924 को तिरुकूबल्लाई मद्रास प्रेसिडेंसी में हुआ था।
उनके पिता का नाम मुथ्वेल और माता का नाम अंजुगम था। करणानिधी का जन्म ब्रिटिश शासन के दौरान हुआ था और उनके परिवार का पूर्वज तीरु वरूर जिले के निवासी थे। उन्होंने अपने उदार भाषण और लेखन के माध्यम से ड्रविड़ आंधोलनों से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की।
तमिलनाड़ु की राजनीति में उन्होंने अपने लंबे करियर के दौरान पार्टी और सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया। उन्होंने 1957 में तीरुचीरपल्ली जिले के कूली विधानसभा से चुनाव जीतकर तमिलनाड़ु विधानसभा के सदस्य बनने का गर्व महसूस किया था।
उन्होंने 1962 में राज विधानसभा में विपक्ष के उपनेता के रूप में कार्य किया और साल 1967 में DMK पार्टी की सत्ता में आने पर सार्वजनिक कार्य मंत्री बने। उनका राजनीतिक करियर इस सफलता के साथ नहीं सिमटा, बल्कि उन्होंने अपने जीवन के दौरान 13 बार विधायक चुने जाने का रिकॉर्ड बनाया।
करणानिधी के साथ उन परिवारवाद के आरोपों के बावजूद, उन्होंने राजनीति में अपनी प्रभावशाली भूमिका बनाए रखी और उन्हें तमिलनाड़ु की राजनीति में एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में स्वीकारा गया।
उनका संबंध LTTE और राजीव गांधी की हत्या के मामले में आये न्यायिक जैन कमीशन की रिपोर्ट में जांचा गया, लेकिन इसमें उन पर कोई आरोप नहीं सामने आए। अप्रैल 2009 में करणानिधी ने एक विवादित टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने राजीव गांधी की हत्या के लिए एक वीडियो को अधिक लाइक करने की अपील की।
| पूरा नाम | मुथुवेल करुणानिधि |
| वास्तविक नाम | दक्षिणामूर्थी |
| उपनाम | कलईगनर, डॉक्टर कलईगनर, द ग्रेट कम्युनिकेटर |
| व्यवसाय | भारतीय राजनेता और लेखक |
| प्रसिद्ध हैं | द्रमुक पार्टी का अध्यक्ष और द्रविड़ राजनीति का प्रतीक होने के नाते |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 165 मी०- 1.65 फीट इन्च- 5' 5” |
| वजन/भार (लगभग) | 65 कि० ग्रा० |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | श्वेत (अर्ध-गंजा) |
| राजनीति | |
| राजनीतिक पार्टी | द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम कनिमोझी की पार्टी का चुनाव चिन्ह |
| राजनीतिक यात्रा | वर्ष 1938 - तिरुवारुर में एक हिंदी विरोधी विरोध का नेतृत्व करके सिर्फ 14 उम्र में उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद उन्होंने मनावर नेसन, एक हस्तलिखित समाचार पत्र को अपने साथी सदस्यों के साथ प्रसारित किया। उसके कुछ समय के बाद उन्होंने द्रविड़ आंदोलन के पहले छात्र विंग तमिलनाडु तमिल मनावर मंडरम को संगठित किया। वर्ष 1949 - वह द्रविड़ आंदोलन का प्रतीक बने और द्रमुक पार्टी के नेता के रूप में उभरे। वर्ष 1957 - तमिलनाडु की तिरुचिरापल्ली जिले की कुलीथलाई लोकसभा सीट से विधानसभा के लिए विधायक के रूप में चुने गए। वर्ष 1961 - राज्य विधानसभा में द्रमुक पार्टी के खजांची और विपक्ष के उप-नेता बने। वर्ष 1967 - डीएमके की सरकार में लोक निर्माण मंत्री बने। वर्ष 1969 - पहली बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने और द्रमुक पार्टी के अध्यक्ष बने। वर्ष 1969 में करुणानिधि मुख्यमंत्री की शपथ लेते हुए वर्ष 1971 - दूसरी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। वर्ष 1976 - आपातकाल के दौरान डीएमके सरकार को खारिज कर दिया गया। वर्ष 1989 - तीसरी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। वर्ष 1989 में करुणानिधि तीसरी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करते हुए वर्ष 1996 - चौथी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। वर्ष 1996 में चौथी बार करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करते हुए वर्ष 2006 - पांचवी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। |
| सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी | जयललिता |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 3 जून 1924 |
| जन्मस्थान | तिरुकुवालाई, तंजौर जिला, मद्रास प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत |
| मृत्यु तिथि | 7 अगस्त 2018 |
| मृत्यु स्थल | कावेरी अस्पताल, चेन्नई, तमिलनाडु, भारत |
| आयु (मृत्यु के समय) | 94 वर्ष |
| मृत्यु कारण | गंभीर बीमारी (मूत्र संक्रमण) |
| समाधि स्थल | मरीना बीच करुणानिधि का समाधि स्थल |
| राशि | मिथुन |
| हस्ताक्षर | करुणानिधि के हस्ताक्षर |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | चेन्नई, तमिलनाडु, भारत |
| स्कूल/विद्यालय | बोर्ड हाई स्कूल, तिरुवुरुर |
| कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | लागू नहीं |
| शैक्षणिक योग्यता | आठवीं पास |
| डेब्यू | तमिल फिल्म उद्योग - उनकी पहली फिल्म राजकुमारी थी, जिसके लिए उन्होंने वर्ष 1947 में स्क्रिप्ट लिखी थी, जिससे उन्हें इस क्षेत्र में काफी लोकप्रियता प्राप्त हुई थी। राजनीति - वह जस्टिस पार्टी के अलागिरीस्वामी के भाषण से प्रेरित थे। जिसके चलते 14 वर्ष की आयु में उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और हिंदू आंदोलनों में भाग लिया। |
| धर्म | हिन्दू |
| जाति | इसाई वेल्ललर |
| खाद्य आदत | शाकाहारी |
| पता | नंबर 15, चौथी स्ट्रीट, गोपालपुरम, चेन्नई करुणानिधि का घर |
| शौक/अभिरुचि | क्रिकेट देखना |
| पुरस्कार/सम्मान | वर्ष 1971 - अन्नामलाई विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित 1980 के दशक - राजराजन पुरस्कार पुस्तक 'तेनपंडी सिंगम' (1985) के लिए करूणानिधि पुस्तक 'तेनपंडी सिंगम' वर्ष 2006 - 40 वें वार्षिक दीक्षांत समारोह के अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल और मदुरै कामराज विश्वविद्यालय के कुलपति सुरजीत सिंह बरनाला ने मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। |
| विवाद | • सरकारिया आयोग ने वीरानम परियोजना के अंतर्गत निविदाओं के आवंटन में भ्रष्टाचार में शामिल होने के कारण करुणानिधि पर आरोप लगाए गए, जिसके चलते तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनकी सरकार को खारिज कर दिया था। • वर्ष 2001 में, करुणानिधि, पूर्व मुख्य सचिव के.ए. नंबियार को चेन्नई में फ्लाईओवर के निर्माण में भ्रष्टाचार में संलिप्त पाते हुए गिरफ्तार किया गया था। आईपीसी की कई धाराओं के तहत उन पर और उनकी पार्टी के सदस्यों पर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, उनके खिलाफ कोई कठोर साक्ष्य नहीं मिला सका था। • वर्ष 2012 में, पार्टी के स्थापना दिवस का जश्न मनाते हुए करुणानिधि और पार्टी कार्यकर्ताओं का स्वागत करने के लिए हिंदू देवताओं की वेशभूषा में थे। जो उनके लिए अपमानजनक था। • उन पर लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई), एक आतंकवादी समूह के साथ संबंध बनाने का आरोप लगाया गया था। हालांकि, अंत में उनके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने पर आरोपों से बरी कर दिया गया था। |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| गर्लफ्रेंड एवं अन्य मामले | राजति अम्मल |
| परिवार | |
| पत्नी | पहली पत्नी - पद्मावथी (वर्ष 1944 में मृत्यु) करुणानिधि की पहली पत्नी पद्मावथी करुणानिधि की पहली पत्नी पद्मावथी दूसरी पत्नी - दयालु अम्मल (विवाह 1948 - 2018 मृत्यु तक) करुणानिधि की दूसरी पत्नी दयालु अम्मल तीसरी पत्नी - राजति अम्मल (वर्ष 1960 के दशक के अंत में विवाह - 2018 मृत्यु तक) करुणानिधि की तीसरी पत्नी राजति अम्मल |
| बच्चे | बेटा - एम. के. अलागिरी (राजनीतिज्ञ, दयालु अम्मल से), एम. के. स्टालिन (राजनीतिज्ञ, दयालु अम्मल से), एम. के. तमिलरसु (निर्माता, दयालु अम्मल से) करुणानिधि बच्चे (बाईं ओर) सेल्वी गीता कोविलम, एम. के. तमिलरसु, स्टालिन एम. के. मुथू (पद्मवथी से) करुणानिधि का बेटा बेटी - सेल्वी गीता कोविलम (दयालु अम्मल से), कनिमोझी (राजति से, राजनीतिज्ञ) करुणानिधि की बेटी सेल्वी कनिमोझी (राजनीतिज्ञ) |
| माता-पिता | पिता - मुथुवेलार करुणानिधि माता - अंजुगम करुणानिधि |
| भाई-बहन | भाई - कोई नहीं बहन - शनमुगसुंदरथ अम्मल, पेरियानयागम |
| वंश वृक्ष | एम. करुणानिधि वंश वृक्ष |
| पसंदीदा चीजें | |
| पसंदीदा भोजन | चावल उपमा घी के साथ छिड़काव |
| पसंदीदा क्रिकेटर | कपिल देव , सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी |
| पसंदीदा अभिनेता | एम. जी. रामचंद्रन |
| पसंदीदा रंग | श्वेत |
| धन/संपत्ति संबंधित विवरण | |
| कार संग्रह | टोयोटा अल्फार्ड करुणानिधि की कार टोयोटा अल्फार्ड |
| घर/एस्टेट | ₹5 करोड़ (चल संपत्ति) |
| वेतन (लगभग) | ₹37 लाख प्रति वर्ष (वर्ष 2011 के अनुसार) |
| कुल संपत्ति (लगभग) | ₹45 करोड़ (वर्ष 2014 के अनुसार) |
