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Manohar Parrikar

मनोहर परीकर की वही चित्रण, जिसमें वे स्कूटर से ऑफिस जाते हुए दिखते हैं, हमेशा मनोहर और गोवा के लिए एक विशेष जुगा बनी रही है। कभी स्कूटर पर, कभी बस में, और कभी फुटपाथ पर चाय की दुकान में बैठ कर गपशप करते हुए, तो कभी किसी शादी समारोह में सभी के साथ लाइन में लगकर खाना लेते हैं। ये कुछ ऐसी पहचानें हैं जो गोवा के लोग शायद ही भूल सकें और जो दूसरे देशों के लोगों के साथ भी जुड़ गई हैं।

मनोहर परीकर, जो भारत के पहले IIT बैकग्राउंड वाले सीम थे, उनकी सरलता और शांति प्रिय व्यक्तित्व ने उन्हें अन्य से अलग बना दिया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद, जब अधिकांश लोग अपने करियर को स्थापित करने के लिए तैयार हो रहे थे, वे अपने जीवन को गोवा में स्थापित करने का संकल्प करते रहे।

मनोहर परीकर ने 26 साल की आयु में ही संग समर्थ का पद संभाल लिया था और गोवा के मापुसा में शाखा प्रमुख बन गए थे। इसके बाद, उन्होंने विभिन्न चुनावों में भाग लिया और गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में चार बार सेवा की। उनकी सीख, उनका समर्थन और उनकी नेतृत्व क्षमता ने उन्हें राजनीति में विश्वासपात का प्रतीक बना दिया।

मनोहर परीकर की सादगी और आत्मविश्वास की भावना ने उन्हें समर्पित नेता बनाया। उनके बच्चों के प्रति उनका प्रेम और उनके जीवन के कठिनाईयों का सामना करने की क्षमता ने उन्हें एक अद्भुत परिवार मानव बनाया।

उनकी अद्वितीय व्यक्तिगतता और सामाजिक योजनाओं में उनके योगदान ने उन्हें गोवा के लोगों के दिलों में स्थान बना लिया था। उनका निधन एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी आत्मा हमेशा हमारे दिलों में जिएगी, उनकी सादगी, समर्थन और प्रेरणा हमें सदैव याद रहेगी।

 

 

 

जीवन परिचय
पूरा नाममनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रिकर
व्यवसायभारतीय राजनेता
पार्टी/दलभारतीय जनता पार्टी भारतीय जनता पार्टी झंडा
राजनीतिक यात्रा• पर्रिकर युवा अवस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य बन गए और जब वह अपनी पढ़ाई के अंतिम वर्षों में थे तो वह इस संगठन के एक प्रमुख प्रशिक्षक बन गए थे। • उन्होंने गोवा में आरएसएस के लिए फिर से कार्य करना शुरू कर दिया और आईआईटी बॉम्बे से स्नातक पास करने के बाद उन्होंने अपने निजी व्यवसाय शुरू किया। 26 वर्ष की उम्र में आरएसएस ने उन्हें एक संघचालक बना दिया था। • वर्ष 1988 में, वह भाजपा में शामिल हो गए। • वर्ष 1994 में, वह पहली बार गोवा विधान सभा के लिए चुने गए। • वर्ष 1994 -2001 तक, उन्होंने गोवा राज्य में भारतीय जनता पार्टी के जनरल सचिव और प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। • 24 अक्टूबर 2000 को, वह पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने, हालांकि वह अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और 27 फरवरी 2002 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। • 5 जून 2002 को, वह फिर से गोवा के मुखयमंत्री के रूप में चुने गए और फिर बाद में चार विधायकों के इस्तीफा देने के कारण, फिर से उनके 5 वर्ष का कार्यकाल खतरे में पड़ गया था। • जून 2007 में, वह गोवा राज्य के पांचवीं विधान सभा में विपक्ष के नेता के रूप में निर्वाचित। • मार्च 2012 में, उन्हें फिर से गोवा मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, लेकिन उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा और नवंबर 2014 को दिल्ली जाना पड़ा क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारत के रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया था। • 13 मार्च 2017 को, उन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और 14 मार्च 2017 को वह गोवा के 13 वें मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए।
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 173 मी०- 1.73 फीट इन्च- 5’ 8”
वजन/भार (लगभग)75 कि० ग्रा०
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगसफ़ेद
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि13 दिसंबर 1955
आयु (2017 के अनुसार)62 वर्ष
जन्मस्थानमोगुसा, गोवा, पुर्तगाली भारत (अब गोवा, भारत)
राशिधनु
हस्ताक्षरमनोहर पर्रिकर हस्ताक्षर
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरमोगुसा, गोवा, भारत
स्कूल/विद्यालयलोयोला हाई स्कूल, मारगाओ, दक्षिण गोवा स्कूल न्यू गोवा हाई स्कूल, मापुसा
कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालयसेंट जेवियर्स कॉलेज, मापुसा, गोवा बॉम्बे विश्वविद्यालय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे
शैक्षिक योग्यताबीटेक (धातुविज्ञानी) मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग
राजनीतिक आरम्भमहाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी से लड़ने के उद्देश्य से पर्रिकर को आरएसएस द्वारा भाजपा का समर्थन प्राप्त हुआ था। वर्ष 1994 में, वह गोवा विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे।
परिवारपिता - गोपाळकृष्ण पर्रिकर माता - राधाबाई पर्रिकर भाई - अवधूत पर्रिकर बहन - कोई नहीं
धर्महिन्दू
जातिब्राह्मण
पताघर नंबर -157,18 जून रोड, पणजी, गोवा
विवाद• वर्ष 2001 में, पार्रीकर की अगुवाई वाली सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में 51 सरकारी स्कूलों को आरएसएस की एक शैक्षणिक शाखा "विद्या भारती" को दिया, जिसके लिए कुछ शिक्षाविदों ने उनकी आलोचना की। • उनकी व्यापक रूप से आलोचना हुई जब वह अपने 37 सदसयों के एक दल को लेकर लेकर ऑस्ट्रिया, जर्मनी और इटली के लिए यूरोपीय अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों और प्रथाओं को देखने गए थे। इस यात्रा का भुगतान वित्त पोषित से किया गया था और इसकी लागत लगभग ₹1 करोड़ थी। • वर्ष 2014 में, उन्होंने 6 विधायकों के लिए दावत की व्यवस्था की थी, जिसकी लगत ₹89 लाख थी। यह दावत 2014 फीफा विश्व कप में भाग लेने के लिए थी। प्रतिनिधिमंडल में किसी भी फुटबॉल विशेषज्ञ को शामिल नहीं करने और जनता के पैसे को बर्बाद करने के लिए विपक्ष के नेताओ ने उनकी काफी आलोचना की थी।
पसंदीदा चीजें
पसंदीदा राजनेतानरेंद्र मोदी
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिविधुर
पत्नीस्वर्गीय मेधा पर्रिकर (वर्ष 2001 में कैंसर से मृत्यु हो गई)
बच्चेबेटा - उत्पल पर्रिकर मनोहर पर्रिकर का बड़ा बेटा उत्पल पर्रिकर अपनी पत्नी के साथ अभिजीत पर्रिकर मनोहर पर्रिकर का छोटा बेटा अभिजीत पर्रिकर अपनी पत्नी के साथ बेटी - कोई नहीं
धन संबंधित विवरण
आय (गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर)₹52,000
संपत्ति (लगभग)₹3.5 करोड़ (2014 के अनुसार)

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