मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का जन्म एक अफग़ानी पिता और अरबी माता के घर हुआ था। वर्ष 1857 में, मोहम्मद खैरुद्दीन ने अपने परिवार के साथ कलकत्ता छोड़ कर मक्का की यात्रा पर रुख किया। वहाँ, मोहम्मद खैरुद्दीन ने अपनी होने वाली पत्नी से मुलाकात की, और कुछ समय बाद उन्होंने वर्ष 1890 में पुनः भारत लौटने का निर्णय किया।
मौलाना आज़ाद की आरंभिक शिक्षा इस्लामी तौर तरीकों से उनके घर पर और मस्ज़िद में उनके पिता के द्वारा हुई। जब मौलाना आज़ाद महज 11 वर्ष के थे, तब उनकी माँ का देहांत हो गया था। उनका विवाह 13 वर्ष की आयु में ज़ुलैखा बेग़म से हुआ था। 16 वर्ष की आयु में आज़ाद ने विभिन्न भाषाओं में जैसे कि उर्दू, फ़ारसी, हिन्दी, अरबी, और अंग्रेजी़ आदि का ज्ञान प्राप्त करते हुए, अपनी सम्पूर्ण शिक्षा हासिल की।
मौलाना आज़ाद ने ‘लिसान-उल-सिद’ नामक पत्रिका प्रारम्भ की, जिस पर उर्दू के महान आलोचक ‘मौलाना शिबली नाओमनी’ और ‘अल्ताफ हुसैन हाली’ का बहुत प्रभाव पड़ा। उन्होंने उस समय के अधिकांश मुसलमानों के लिए एक कट्टरपंथी विचारधारा को विकसित किया और एक पूर्ण भारतीय राष्ट्रवादी बन गए, जिसके चलते उन्होंने नस्लीय भेदभाव के खिलाफ उठाव किया।
वर्ष 1905 में, उन्होंने बंगाल के विभाजन का विरोध किया और ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की अलगाववादी विचारधारा को खारिज़ किया। वर्ष 1912 में, उन्होंने उर्दू पत्रिका “अल हिलाल” का संचालन किया, जिसका उद्देश्य मुसलमान युवकों को क्रांतिकारी आन्दोलन के प्रति उत्साहित करना और हिन्दू-मुस्लिम एकता पर बल देना था। उनकी सोच को समझने में कभी-कभी उन्हें फ़ारसी पृष्ठभूमि के कारण मुश्किल होती थी, लेकिन उन्होंने नए विचारों के लिए नए मुहावरों का प्रयोग किया।
युवावस्था से ही आज़ाद ने उर्दू में कविताएं लिखीं, जिनमें उन्होंने अंग्रेज़ी शासन के खिलाफ और भारतीय राष्ट्रीय एकता के समर्थन में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। इसी समय उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संपर्क में आकर गांधी जी के अहिंसक आंदोलन ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ के समर्थक बन गए।
वर्ष 1919 में, मौलाना आज़ाद ने रॉलेट एक्ट के खिलाफ असहयोग आंदोलन को संगठित करने में सक्रिय भूमिका निभाई और गांधी जी के स्वदेशी वस्तुओं और स्वराज जैसे आदर्शों का पूर्ण समर्थन किया। वर्ष 1923 में, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष बनने का गर्व किया।
वर्ष 1935 में, मौलाना आज़ाद ने मुस्लिम लीग, जिन्ना और कांग्रेस के साथ बातचीत की, जिससे राजनीतिक आधार को सुदृढ़ किया जा सके। वर्ष 1938 में, आज़ाद ने गांधी जी के समर्थकों और कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाषचंद्र बोस के बीच पैदा हुए मतभेदों में सुलह का कार्य किया।
वर्ष 1924 में, जब महात्मा गांधी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए आमरण अनशन शुरू किया था, तब मौलाना आज़ाद ने घर-घर घूम कर सभी सम्प्रदायों के लोगों को समझाया कि राष्ट्रीय एकता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है और वह गांधी जी से प्रार्थना की कि वह अपना अनशन तोड़ दें।
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जन्मदिवस को 11 नवम्बर को ‘राष्ट्रीय शिक्षा दिवस’ के रूप में घोषित किया गया है। हैदराबाद में, उनके नाम पर ‘मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू युनिवर्सिटी’ को स्थापित किया गया है, जो राष्ट्र की ओर से एक स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी, पत्रकार, समाज सुधारक, शिक्षा विशेषज्ञ और अभूतपूर्व शिक्षा मंत्री को श्रद्धांजलि देने का कारगर एक उदाहरण है।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| वास्तविक नाम | मौलाना अबुल कलाम आज़ाद या अबुल कलाम गुलाम मुहियुद्दीन |
| उपनाम | मौलाना साहब |
| व्यवसाय | भारतीय स्वतन्त्रता सेनानी, पत्रकार, समाज सुधारक, शिक्षा विशेषज्ञ |
| राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी |
| प्रमुख कार्य | • वैज्ञानिक शिक्षा को प्रोत्साहन • कई विश्वविद्यालयों की स्थापना • उच्च शिक्षा और खोज को प्रोत्साहन • स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 11 नवंबर 1888 |
| जन्मस्थान | मक्का, हेजाज विलायत, तुर्क साम्राज्य (अब सऊदी अरब) |
| मृत्यु तिथि | 22 फरवरी 1958 |
| मृत्यु स्थल | दिल्ली, भारत |
| मृत्यु कारण | मस्तिष्क आघात (Brain Stroke) |
| आयु (मृत्यु के समय) | 69 वर्ष |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| हस्ताक्षर | मौलाना अबुल कलाम आज़ाद हस्ताक्षर |
| गृहनगर | मक्का, हेजाज विलायत, तुर्क साम्राज्य (अब सऊदी अरब) |
| स्कूल/विद्यालय | ज्ञात नहीं |
| महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | ज्ञात नहीं |
| शैक्षणिक योग्यता | ज्ञात नहीं |
| परिवार | पिता - मोहम्मद खैरूद्दीन माता - आलिया भाई - ज्ञात नहीं बहन - ज्ञात नहीं |
| धर्म | इस्लाम |
| पुरस्कार/सम्मान | वर्ष 1992 में, मरणोपरान्त मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पत्नी | ज़ुलैखा बेग़म |
| बच्चे | बेटा - कोई नहीं बेटी - कोई नहीं |
