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Naveen Patnaik

पिताजी के निधन के बाद, नवीन पतनायक ने साल 1996 में सियासत में कदम रखा और अपनी पार्टी को मजबूती से नेतृत्व किया। इस समय तक, वे राजनीति में अपने अद्वितीय और प्रशंसित नेतृत्व के लिए पहचान बना चुके हैं। पतनायक ने सिखाया कि वे अपने पिताजी की विरासत को सजीव रखकर देश के सबसे लोकप्रिय और चमत्कारी नेता बन सकते हैं।

पहले, पतनायक का मूख्य इरादा नहीं था कि वे सियासत में आएं। हालांकि, पिताजी के निधन के बाद, उन्हें सियासत में एंट्री करना पड़ा। उनका इमानदार और सच्चे चरित्र के कारण, ओडिशा के लोगों ने उन्हें सियासत में स्वागत किया। सियासत में रहते हुए भी, पतनायक ने लेखन और पढ़ाई को कभी भी छोड़ा नहीं। उन्होंने तीन किताबें लिखी हैं – “A Second Paradise,” “A Desert Kingdom,” और “The Garden of the Light.”

नवीन पतनायक को उनके राज्य की बातचीत में बोलने का कोई शौक नहीं है, लेकिन वे हमेशा चुनावों में जीत हासिल करते हैं। साल 1996 में उन्होंने बीजू जंता दल का गठबंधन किया और उसके पश्चात साल 1998 और 1999 में भी जीत हासिल की। इसके बाद, उन्होंने केंद्र सरकार में मंत्री बनकर अपने प्रदेश का प्रतिष्ठान बढ़ाया।

जब भी चुनाव होते हैं, नवीन पतनायक का पताका लहरा देता है। साल 2014 में, बीजू जंता दल ने मोदी लहर और सरकार विरोधी लहर के बावजूद, राज्य में बड़ी जीत हासिल की। इससे पहले, ओडिशा में बीजू जंता दल ने 2000 और 2004 में बड़ी जीत हासिल की थी। उनके नेतृत्व में ओडिशा की जनता ने हमेशा उन्हें सीएम के रूप में चुना है।

नवीन पतनायक ने ओडिशा को आगे बढ़ाने के लिए अपनी कड़ी मेहनत और नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन किया है। उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं है, और वह राज्य के सबसे प्रमुख नेता में एक रूप में स्थित हैं।

 

 

जीवन परिचय
उपनामपप्पू [1]
व्यवसायभारतीय राजनेता
जाने जाते हैंओडिशा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने के तौर पर
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 178 मी०- 1.78 फीट इन्च- 5’ 10”
भार/वजन (लगभग)85 कि० ग्रा०
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगसफेद
राजनीति करियर
पार्टी/दल• जनता दल (1997 से 1998 तक) Janata Dal logo • बीजू जनता दल (बीजद) (1998 से वर्तमान) Biju Janata Dal BJD Flag
राजनीतिक यात्रा• वर्ष 1997 में जनता दल पार्टी में शामिल हुए। • अस्का निर्वाचन क्षेत्र, ओडिशा से लोकसभा के लिए चुने गए। • 19 मार्च 1998 से 5 मार्च 2000 तक उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय खनन मंत्री के रूप में काम किया। • वर्ष 1998 में जनता दल के विभाजन के बाद उन्होंने अपनी खुद की पार्टी 'बीजू जनता दल (BJD)' का गठन किया। • 5 मार्च 2000 को वह पहली बार ओडिशा के मुख्यमंत्री बने। • 2000 से 2014 तक उन्हें बार-बार ओडिशा विधान सभा के लिए चुना गया। • मई 2019 में उन्होंने दोबारा से ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
पुरस्कार/उपलब्धियां• वर्ष 2017 में उन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा देश के सर्वश्रेष्ठ प्रशासक "आउटलुक स्पीकआउट अवार्ड्स" से सम्मानित किया गया। • वर्ष 2018 में उन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा "आदर्श मुख्यमंत्री पुरस्कार" से नवाजा गया। • वर्ष 2018 में उन्हें ओडिशा में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) के राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • साइक्लोन फालिन से पहले और बाद में अपने मिशन जीरो कैजुअल्टी के सुचारू निष्पादन के लिए उनकी काफी प्रशंसा हुई और संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया। • उनके कार्यकाल में ओडिशा संयुक्त राष्ट्र द्वारा आपदा प्रबंधन के लिए सम्मानित होने वाला एशिया का पहला दक्षिणपूर्व राज्य बन गया।
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि16 अक्टूबर 1946 (बुधवार)
आयु (2021 के अनुसार)75 वर्ष
जन्म स्थानकटक, उड़ीसा, भारत
राशितुला (Libra)
हस्ताक्षरNaveen Patnaik's signature
राष्ट्रीयताभारतीय
धर्महिन्दू [2]
गृहनगरभुवनेश्वर, उड़ीसा
स्कूल/विद्यालय• वेलहम बॉय स्कूल, देहरादून • दून स्कूल, देहरादून
कॉलेज/विश्वविद्यालयकिरोड़ीमल कॉलेज, नई दिल्ली
शैक्षिक योग्यता [3]बीए (1967)
शौक/अभिरुचिलिखना और पढ़ना
पता [4]नवीन निवास, एरोड्रम गेट पीएस- एयरफाइड पुलिस स्टेशन, पीओ- एरोड्रम एरिया पोस्ट ऑफिस, जिला खुर्दा, भुवनेश्वर पिन नंबर -751020
विवाद• उनके लंबे समय से विश्वासपात्र और बीजद सदस्य रहे बैजयंत पांडा ने यह दावा करते हुए पार्टी छोड़ दिया कि नवीन पटनायक वह नहीं रहे जो पहले हुआ करते थे। आजकल भ्रष्टाचार और अपराध बढ़ रहे हैं और मुख्यमंत्री जी इस पर अंकुश लगाने के बजाए बढ़ावा दे रहे हैं। • नवीन पटनायक के मुताबिक सीट बंटवारे की बातचीत नहीं चली इसलिए वह भाजपा गठबंधन से बाहर चले गए। • उन्होंने नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अपने वादों को पूरा करने में विफल रहे। • उन्होंने एनएसएसओ की एक लीक रिपोर्ट को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा, जिसमें दिखाया गया था कि बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर है। • वर्ष 2012 में केंद्रीय मंत्री श्रीकांत जेना ने उन पर 2,50,000 करोड़ रुपये के लौह अयस्क के अवैध खनन की अनुमति देने का आरोप लगाया था।
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
परिवार
पत्नीलागू नहीं
माता/पितापिता - स्वर्गीय बीजू पटनायक (राजनेता) Naveen Patnaik's father माता - स्वर्गीय ज्ञान पटनायक (पायलट) Naveen Patnaik with his mother
भाई/बहनभाई - स्वर्गीय प्रेम पटनायक (व्यवसायी) Naveen Patnaik with her elder brother बहन - गीता मेहता (लेखक) Naveen Patnaik's sister
धन/संपत्ति संबंधित विवरण
कार संग्रहएम्बेसडर (1980 मॉडल)
संपत्तिचल संपत्ति: 17.75 लाख रूपये नकद: 25,000 हजार रूपये बैंक जमा: 14.23 लाख रूपये आभूषण: 2.12 लाख रूपये, मूल्य का सोना, माणिक और हीरे अचल संपत्ति: 63.10 करोड़ रूपये फरीदाबाद, नई दिल्ली और भुवनेश्वर में 63.10 करोड़ रूपये की आवासीय इमारतें
वेतन (मुख्यमंत्री के रूप में)98,000 हजार रूपये + अन्य भत्ते (प्रति माह)
कुल संपत्ति63.86 करोड़ रूपये (2019 के अनुसार) [5]

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