नीरज चोपड़ा { Neeraj Chopra } जिन्हें आज पूरा भारत गोल्डन-बॉय के नाम से भी जान रहा है । एक मोडल और हीरो जैसी पर्सनालिटी रखने बाले नीरज चोपड़ा ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में भाला फेकने बाले खिलाड़ी है।
जिन्हें आज उनकी मेहनत और हौसलों की उड़ान से पूरे विश्व मे सम्मान प्राप्त हो रहा है। नीरज अभिनव विन्द्र के बाद दूसरे भारतीय है जिन्होंने ओलंपिक्स में गोल्ड अपने नाम किया है, साथ ही नीरज टोक्यो ओलंपिक्स में ट्रैक एंड फील्ड भाला फेक इवेंट में व्यक्तिगत रूप से गोल्ड मैडल जितने बाले पहले भारतीय बन चुके है । ऐथलेटिक्स में इससे पहले किसी भारतीय को कोई गोल्ड मैडल नही मिला । भारत इस मैडल के लिए 121 वर्षो से इंतजार कर रहा था । जो के आज नीरज की सफलता के बाद पूरा हुआ हैं।
नीरज की इस सफलता के पीछे बहुत सारी मेहनत और उनके जेवलिन थ्रो के जनुन ने उनका साथ दिया है । नीरज कहते है :
जब सफलता की ख्वाहिश! आपको सोने ना दे
जब मेहनत के इलावा और कुछ अच्छा ना लगे
जब लगातार काम करने के बाद थकावट ना हो
समझ लेना सफलता का नया इतिहास रचने वाला है।
बिल्कुल ही नीरज ने अपने इन्हीं विचारों पर काम किया है और आज पूरा देश उनकी तरफ फ़क्र और सम्मान की नजरों से देख रहा है।
आइए आज हम इस ब्लॉग के माध्य्म से गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा के जीवन को विस्तार से समझने का प्रयास करेंगे ।
Early Life and Family { प्रारंभिक जीवन और परिवार }
| नाम | नीरज चोपड़ा |
| जन्म | 24 दिसंबर, 1997 |
| जन्म स्थान | पानीपत हरियाणा |
| पिता | सतीश कुमार |
| माता | सरोज देवी |
| धर्म | हिन्दू |
नीरज चोपड़ा के अगर शुरुआती जीवन की बात की जाए तो उनका जन्म हरियाणा ज़िले के पानीपत के खंड्रा गाँव मे हुआ था। नीरज बचपन मे बेहद ही शरारती और हँसमुख मजाज़ के हुआ करते थे । अगर उनके परिवार की बात की जाए तो वह एक संयुक्त परिवार का हिस्सा है जिसमे उनके माता-पिता के इलावा एक दादी, तीन चाचा, चाचियां और दस चचेरे भाई-बहन है । नीरज अपने दस भाई-बहनों में से सबसे बड़े और परिवार के सबसे लाड़ले भी है । नीरज की दादी उनसे बेहद प्यार करती है । इसी प्यार की बजह से नीरज बचपन मे मोटापे का शिकार भी हो गए थे ,क्योंकि नीरज की दादी अपने पोते को मोटा और तकड़ा रखना चाहती थी जिस वज़ह से नीरज को भर-भर कर देशी घी और दुध पीने को दिया जाता था।
पर एक समय ऐसा भी आया जब उनका मोटापा ज़्यादा बढ़ने की वजह से परिवार को नीरज के भविष्य की चिंता सताने लगी । जिसके बाद नीरज के मोटापे को कम करने के लिए उनके चाचा उन्हें पानीपत स्टेडियम में दौड़ लगाने के लिए लेजाने लगे ।
नीरज निरंतर स्टेटडिम जाया करते और दौड़ा करते । परंतु एक दिन नीरज का धयान स्टेटडिम में भाला फेंक रहे कुछ नोजवान लड़को पर पड़ा । नीरज को लगा के जे तो में भी कर सकता हुँ। तभी नीरज ने मात्र 13 वर्ष की आयु में पहली बार भाले पर हाथ अजमाया। नीरज ने भाला बहुत ही ज़ोर से दूर तक फेका जिसे देख सब दंग रह गए और नीरज के अच्छे प्रदर्शन को देख कर उसे जेवलिन थ्रो खेलने की सलाह देने लगे ।
नीरज को भी लगा जैसे के वह वस इसी गेम के लिए ही बना है और उस दिन से नीरज का जेवलिन थ्रो {भाला फेक} का सफ़र शुरू हो गया ।
Neeraj Chopra Education { शिक्षा }
अगर नीरज की शिक्षा की बात की जाए तो नीरज ने अपनी शुरुआती शिक्षा पानीपत से ही प्राप्त की । अपनी मुड़ली शिक्षा प्राप्त करने के बाद नीरज ने चंडीगढ़ के एक BBA कॉलेज से ग्रेजुएट की डिग्री भी प्राप्त की । नीरज ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने खेल को भी जारी रखा और अपने कॉलेज के दौरान नीरज ने नेशनल स्त्र पर कई अवार्ड्स भी जीते ।
Neeraj Chopra to become an army officer { सेना अधिकारी बनना }
2016 पोलैंड में नियुक्त IAAF World प्रतियोगता में U-20 चैंपियनशिप में नीरज ने 86.48 m भाला फेक गोल्ड मैडल अपने नाम किया । जो के नीरज के लिए काफी प्रसंसा जनक था । नीरज का जे बेहतरीन प्रदर्शन आर्मी के बड़े ऑफिसर्स पर भी काफी प्रभावित रहा। जिस से ख़ुश होकर आर्मी ने नीरज को आर्मी में राजपूताना राइफल्स में कनिष्ठ आयुक्त की पोस्ट पर सूबेदार की उपाधि दी । नीरज इससे बेहद खुश भी थे।
नीरज ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान यह भी बताया था के आज तक उनके परिवार में से किसी ने भी सरकारी नोकरी नही की है । वह अपने परिवार में पहले है जो सरकारी नोकरी करने जा रहे है । और नीरज ने बताया के वह इससे बेहद खुश भी है क्योंकि इससे वह अपने खेल के साथ-साथ अपने परिवार की आर्थिक स्तिथि में भी उनकी सहायता कर पाएगे।
Year Awards
- 2012 राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप गोल्ड मेडल
- 2013 राष्ट्रीय युवा चैंपियनशिप रजत पदक
- 2016 तीसरा विश्व जूनियर अवार्ड
- 2016 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप रजत पदक
- 2017 एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप गोल्ड मेडल
- 2018 एशियाई खेल चैंपियनशिप स्वर्ण गौरव
- 2018 अर्जुन पुरस्कार
- 2020 टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडल
Neeraj Chopra Tokyo Olympics 2020 { टोक्यो ओलंपिक }
2020 टॉक्यो ओलंपिक्स में जेवलिन थ्रो में जीता गया वह गोल्ड मैडल जिसकी वजह से ही आज नीरज को पूरे देश ने वाह-वाह मिल रही है । इस मैडल का इंतजार भारत 121 साल से कर रहा था । जो भारतीयों को एक सपना लगने लगा था वह नीरज ने अपनी शानदार जीत से सच कर दिया। ओलंपिक्स में एथलेटिक्स में भारत के दुवारा जीता गया पहला गोल्ड मैडल है इससे पहले भारत ने 1982 ने गुरतेज सिंह दुवारा एथेलेटिक्स में ब्रोंज मैडल भारत के नाम किया था ।
पर जे गोल्ड मैडल ना तो भारत को इतनी आसानी से मिला है और ना ही नीरज को । नीरज ने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए अपनी जी जान लगा दी थी । इस वीच नीरज को कई परेशानियों भी झेलनी पड़ी जैसे 2018 में एशियाई गेम्स एंड कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन के बाद नीरज के कंदे में चोट आ गई थी। जिस वजह से नीरज को काफ़ी समय हस्पताल में गुजारना पड़ा और इस दौरान वह अपनी गेम से भी दूर रहे ।
पर जैसे ही नीरज अपने कंदे की चोट से उभरे तभी कोरोना की वजह से कई गेम्स रद्द हो गई । जिसका नीरज की गेम पर काफी प्रभाव पड़ा । पर इस सब के बाद पटियाला में Indian Grand Prix दुवारा आयुजित गेम्स में नीरज ने 88.07m दूर भाला फेक कर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा और वापस शानदार वापसी की । इसी के बाद ही नीरज टॉक्यो ओलंपिक्स के लिए अर्हता {qualify} हो पाए ।
और जैसा के आप जानते ही हो टॉक्यो ओलीपिक्स में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद नीरज आज पूरे देश-वाशियों के दिलों पर साए हुए है ।प्रधानमंत्री मोदी जी समेत कई अन्य राज्य मंत्रियों ने नीरज को उनकी जीत के लिए बधाई दी और उन्हें कई तरह के पुरस्कार भी भेट किए | नीरज को उनकी जीत के लिए कई अवार्ड और पुरस्कारों से भी नवाजा गया हैं।
| हरियाणा सरकार | 6 crore or 1 Plot |
| रेलवे दुवारा | 3 crore |
| पंजाब सरकार | 2 crore |
| मणिपुर सरकार | 1 crore |
| BCCI दुवारा | 1 crore |
| Indian Olympic Association | 75 Lakh |