नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप लोग? उम्मीद है कि आप सभी ठीक होंगे। मास्क और सोशल डिस्टेंस की ज़रूरत अब भी है, कृपया कोरोना के प्रति सतर्क रहें।
आज मैं एक कहानी साझा करने के लिए यहाँ हूँ, जो संगीत के महानायक पंडित जसराज के बारे में है। उन्हें भूदपूर प्रधानमंत्री स्वर्गी श्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने रसराज की पद्वी से भी नवाजा था। पंडित जसराज जी का पूरा परिवार मेवाती घराने से था और उनकी संगीत की शिक्षा उनके घर से ही शुरू हुई थी।
जसराज जी की संगीत की प्रेम कहानी उस छोटी उम्र से है, जब उन्होंने तबला बजाना शुरू किया था। उनका संगीत से जुड़ाव इतना मजबूत था कि वे स्कूल न जाकर बेगम अखतर की गजलें और ठुमरी सुनने में विशेषज्ञ बन गए थे। उन्होंने देश की संसद में अपने संगीत का प्रदर्शन किया और अंतरिक्ष में एक छोटे से ग्रह का नाम भी प्राप्त किया है।
पंडित जसराज की संगीत की शिक्षा शुरू होने का आदान-प्रदान उनके दक्ष तबला वादक होने से हुआ था, लेकिन उन्हें संगत देने वाले संगीतकारों को सही सम्मान नहीं मिलता था। एक दिन गायक महोदय का एक बयान ने उनकी जिंदगी में बदलाव किया और उन्हें अपनी प्रवृत्ति में सफलता प्राप्त करने का मार्ग दिखाया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी हमें अपनी प्रेड़ना को बनाकर आगे बढ़ना पड़ता है, और सही रास्ता चुनना मुश्किल हो सकता है, परन्तु यह आत्म-समर्पण और संघर्ष के साथ ही संभव है। हमारी कहानियाँ आपको प्रेरित करने का प्रयास करती हैं और हम उम्मीद करते हैं कि यह आपके लिए हमेशा मोतीवेटिंग रहेगी। धन्यवाद, दोस्तों।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| व्यवसाय | भारतीय शास्त्रीय गायक |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 163 मी०- 1.63 फीट इन्च- 5' 4" |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | धूसर |
| संगीत | |
| संगीत शिक्षक | 1. पंडित मनीराम 2. जयवंत सिंह वाघेला 3. उस्ताद गुलाम कादर खान (मेवात घराना) 4. स्वामी वल्लभदास (आगरा घराना) |
| पुरस्कार/सम्मान | • वर्ष 2014 में, उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए सुमित्रा चरत राम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • वर्ष 2000 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। • वर्ष 1990 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। • वर्ष 1987 में, उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • वर्ष 2008 में, उन्हें स्वाती संगीता पुरष्कृम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • वर्ष 2010 में, उन्हें संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप से सम्मानित किया गया। |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 28 जनवरी 1930 |
| जन्मस्थान | ग्राम पिली मंडोरी, हिसार, ब्रिटिश इण्डिया |
| मृत्यु तिथि | 17 अगस्त 2020 |
| मृत्यु स्थान | अमेरिका के न्यू जेर्सी स्थित अपने आवास पे [1] |
| आयु (मृत्यु के समय) | 88 वर्ष |
| मृत्यु का कारण | हृदयाघात [2] |
| राशि | कुंभ |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | ग्राम पिली मंडोरी, फतेहाबाद जिला, हरियाणा, भारत |
| डेब्यू | पार्श्व गायक : फिल्म- संगीत मार्तण्ड पंडित जसराज |
| परिवार | पिता - मोतीराम माता - नाम ज्ञात नहीं |
| धर्म | हिन्दू |
| शौक/अभिरुचि | गायन, लेखन और पढ़ना |
| पसंदीदा चीजें | |
| भोजन | पंजाबी भोजन |
| अभिनेता | अमिताभ बच्चन , धर्मेंद्र , राजेश खन्ना |
| अभिनेत्री | मधुबाला, रेखा , सुलक्षना पंडित, वैजयंती माला |
| संगीतकार | लता मंगेशकर , एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी, अनुराधा पौड़वाल, साधना सरगम, शंकर महादेवन |
| रंग | श्वेत, लाल, केसर |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति (मृत्यु के समय) | विवाहित |
| पत्नी | मधुरा शांताराम जसराज पंडित अपनी पत्नी और बेटी के साथ |
| विवाह की तिथि | वर्ष 1962 |
| बच्चे | बेटा - शारंग देव पंडित पंडित जसराज अपने बेटे के साथ बेटी - दुर्गा जसराज पंडित जसराज अपनी बेटी के साथ |
| धन संबंधित विवरण | |
| आय (एक रंगमंच कलाकार के रूप में) | Rs. 7-8 लाख/कार्यक्रम |
| संपत्ति (लगभग) | Rs. 3-4 करोड़ |
