छोड़कर सामग्री पर जाएँ

Pankaj Jha

तो विदायक को बताएगा, तो चंद्रकिसुर सिंग्ग को बताएगा कि हमें क्या करना है और क्या नहीं, दो कोडी का सच्चाईब है? अभी पंचायत सीजन 3 खत्म होकर आया हूँ, अबकी बार अप्टूबर में और उसका शूट है। जब आप किसी किरदार की तैयारी करते हैं, तो कोई भी किरदार आपको मिलता है, तो उसमें आपका इंपुट, डायरेक्टर का इंपुट, और राइटर की जो तैयारी है, इन तीनों का समावेश कैसे करते हैं आप?

पक्के जी, जो अभी आपके आ रहे परियोजनाएं हैं और उसमें जो खास बातें हैं, उसे पंचायत का मुख्य विषय कैसे करूं या जो अन्य परियोजना आ रही है, उसमें आपको विशेष पहचान मिली है जो दर्शकों का है क्योंकि पहले जो आपके पहलू हुए कर्दार थे जो दर्शक देखते थे, उससे यह बदलाव दिखता है। और अनुराग की “गुलाल” से “ब्लैक फ्रेडे” और “पंचायत” में लोगों के दिलों में आप जगह बनाते हैं, तो यह खास लगता है। सारे की सारी फिल्में आती हैं, जिनमें खास किरदारों और खास कलाकारों की जरूरत नहीं थी, तो यह अपने आप की खिचड़ी चली आती है या आपका रूज़हन इस सारे का सारे फिल्मों और किरदारों में होता है?

हम जहां अपने आपको देख पा रहे हैं, ना कि मतलब हमारा पॉटेंशियल क्या है या हम जिस तरह से किरदार को जीना चाहते हैं, तो वैसे ही डायरेक्टरों के साथ काम करने में मजा आता है। आपको लगता है कि आपके उस चीज को समझाया जाएगा, परिस्थिति को कैसे रिज़र्व करें, यह सब आपके साथ करने में कैसे मदद करता है।

काम कैसे मिलेगा या क्या करना है, तो मैं ऐसे ही बोलता था कि तैयारी मत करो, तैयार रहो तो तैयार रहो और तैयार इसलिए रहो कि जीवन में हर पल आपको एलर्ट रहना पड़े है। जो इसे समझ पा रहे हैं और आप इतने सादगी से और सहस्ता से बता रहे हैं तो मेरा मन कह रहा है संघर्ष रहा तो होगा लाइफ में। जब आपने आने की कोशिश की होगी, तो क्या-क्या पॉइंट ऐसे लगते हैं एक्टर लेकिन कहीं नहीं कहीं कुछ आप मांग रहे हैं आपके अंदर, जिस दिन जो एक्टर मांगना बंद कर देता है, जो existence पर believe करता है न, तो उसके लाइक जो काम है, उसको मिलने लग जाता है और जो काम मिलता है, उसके बाद उसकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है क्योंकि ये फिल्ड है, इस फिल्ड से नए लोग ग्रासरूट के डायरेक्टर, राइटर, अभिनेता उन साथीयों के साथ जुड़ जाते हैं और उनका असर होता है।

तो हमारे साथ थे पंकज जज्जा, जिन्होंने आपने बहुत अलग-अलग किरदारों में देखा हैं, सड़ा है, और आज उन्होंने अपने दिल की बातें आप से कही हैं, और अगर आप मेंसे आक्टर होने की बद्भू नहीं आनी चाहिए क्योंकि आक्टर की बद्भू से उनका कहने का मतलब यह था कि आप जब बहुत ज़ादा उसको लेकर सोचने लगते हैं कि मैं आक्टर हूं, मैं बहुत ज़ादा इस्पेशल हूं, तो वो गर्वयंत्री शुरू हो जाती है, वो कहने की बद्भू में तबदील हो जाती है। तो उससे बचके रहें तबही आपने क्या सीखा जरूर वहाँ पे मेंशन कीज़ेगा अगले वीडियो में फिर से मिलूगा। तब तक के लिए देखते रहें, सीखते रहें, जमे रहें, अल्ल वेरी बैस! एक्टिंग गुरु रेंद्र राथवर का बेस्ट सेलर एक्टिंग मेथड “स्विच ऑन स्विच ऑफ एक्टिंग्स” कोर्स बुक आपको एमेज़न फ्लिपकार्ट वेबसाइट पर उपलब्ध है।

 

 

जीवन परिचय
वास्तविक नामपंकज झा
उपनामपंकज
व्यवसायअभिनेता और चित्रकार
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 170 मी०- 1.70 फीट इन्च- 5' 7"
वजन/भार (लगभग)75 कि० ग्रा०
आँखों का रंगगहरा भूरा
बालों का रंगगहरा भूरा
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथिज्ञात नहीं
आयुज्ञात नहीं
जन्मस्थानसहरसा, बिहार
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरसहरसा, बिहार
स्कूल/विद्यालयज्ञात नहीं
कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालयपटना विश्वविद्यालय, बिहार नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, दिल्ली
शैक्षणिक योग्यताललित कला में स्नातक की डिग्री
डेब्यूफिल्म (अभिनेता) : मानसून वेडिंग (2001) पंकज झा की डेब्यू फिल्म मानसून वेडिंग
धर्महिन्दू
जातिब्राह्मण
शौक/अभिरुचिगायन करना, चित्रकारी करना, तैराकी करना, प्राकृतिक स्थानों की यात्रा, फोटोग्राफी करना, संगीत सुनना, फिल्में देखना
प्रेम संबन्ध एवं अन्य मामलें
वैवाहिक स्थितिविवाहित
गर्लफ्रेंड एवं अन्य मामलेमदालसा शर्मा (अभिनेत्री)
परिवार
पत्नीनाम ज्ञात नहीं
बच्चेकोई नहीं
माता-पितापिता - नाम ज्ञात नहीं माता - नाम ज्ञात नहीं
भाई-बहन4
पसंदीदा चीजें
पसंदीदा खेलक्रिकेट
धन संबंधित विवरण
आय (लगभग)ज्ञात नहीं
कुल संपत्ति (लगभग)ज्ञात नहीं

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *