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Phoolan Devi

फूलन देवी, एक भारतीय डाकू, ने अपनी पूरी जीवनी में एक अद्वितीय पथ तय किया और अच्छूतनंदनी बनी। वह “बैंडिट क्वीन” के नाम से मशहूर हो गई थी।

फूलन देवी का जन्म और पालन-पोशन उत्तर प्रदेश के घुरा गाँव में हुआ था, जो एक गरीब मल्लाह परिवार से था। उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव 11 साल की उम्र में हुआ, जब उनके दादा के निधन के बाद उनके पिता के बड़े भाई ने परिवार का मुखिया बना।

फूलन देवी की कड़ी मेहनत और संघर्ष से भरी जिंदगी में 15 साल की उम्र में ही एक बड़े हादसे का सामना करना पड़ा। उनके गाँव के कुछ ठाकुरों ने उन्हें जबरन अगवा कर लिया और उनके साथ अत्याचार किया। इसके परिणामस्वरूप, फूलन देवी को मजबूरन बंदकू उठाना पड़ा।

उनकी जीवन की दरदनाक कहानी में एक और मोड़ आया, जब उन्हें अपने चाचा मायादीन ने शादी के बहाने से उससे कब्जा कर लिया। इसके बाद भी, फूलन देवी ने अपने संघर्षों के बावजूद अपनी मजबूती और साहस से अपनी जगह बनाई।

फूलन देवी का जीवन पूरी तरह से बदल गया जब उन्होंने डाकू शेर सिंह राणा से मिलकर एक डाकू गैंग बनाई। उन्होंने 1981 में ठाकुरों के खिलाफ एक बड़ा हमला किया और उन्हें गोलियों से छलनी कर दी। इसके बाद, फूलन देवी का नाम पूरे चंबल घाटी में गूँथा जा रहा था।

फूलन देवी ने अपनी उच्चतम उपाधि के रूप में सांसद की कुर्सी पर बैठी और 1996 से 1998 तक यह कार्य किया। इसके पश्चात, उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाग लिया, जिसमें वह हार भी गईं, लेकिन फिर से 1999 के लोकसभा चुनावों में विजयी हुईं।

फूलन देवी ने राजनीति के क्षेत्र में आने के बाद भी खाली समय में अपनी शौर्यगाथा को लेकर चर्चा की और विदेशी लेखकों की मदद से अपनी आत्मकथा “आई फूलन देवी” लिखी। उन्होंने इसमें अपने पति को “बहुत बुरे चरित्र” के रूप में वर्णित किया।

2001 में फूलन देवी को अपने आवास के बाहर हमला किया गया, जिसमें उन्हें नौ बार गोलियां लगीं। इस हमले के पीछे कई रहस्य हैं, जिनका सच अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है। फूलन देवी की मौत के बाद, उनकी बहन मुन्नी देवी ने उनके पति उम्मेद सिंह पर हत्या का आरोप लगाया था।

फूलन देवी की अद्भुत जीवनी को बच्चों और युवा पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक कथा मानी जाती है, जिसने उनकी साहसपूर्ण और अद्वितीय उपलब्धियों को सलामी दी।

 

 

जीवन परिचय
व्यवसायभारतीय डाकू और राजनेत्री
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि10 अगस्त 1963 (रविवार)
जन्म स्थानग्राम घुरा का पुरवा, जालौन जिला, उत्तर प्रदेश (जिसे गोरहा का पुरवा भी कहा जाता है)
मृत्यु तिथि25 जुलाई 2001 (बुधवार)
मृत्यु स्थलनई दिल्ली
आयु (मृत्यु के समय)38 वर्ष
मृत्यु कारणहत्या
राशिधनु (Sagittarius)
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरजालौन जिला, उत्तर प्रदेश
धर्मबौद्ध [1]
शौक/अभिरुचिघुड़सवारी करना और बंदूकें चलना
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिविवाहित
परिवार
पति• पुत्तीलाल मल्‍लाह (पहले पति) Phoolan Devi's husband Puttilal Mallah • उमेद सिंह (दूसरे पति) Phoolan Devi with her husband Ummed Singh
बच्चेबेटा - नाम ज्ञात नहीं Phoolan Devi with her son
माता-पितापिता - देवी दीन माता - मूला देवी
भाई/बहनभाई - सुविवेद बहन - 2 • रुक्मिणी देवी निषाद (बड़ी) Phoolan’s elder sister, Rukmini Devi and her mother Moola Devi • मुन्नी देवी (छोटी)

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