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Pooja Gehlot

 

शेरनी हरियाणा की जूनियर एशियन चैम्पियनशिप में सोने की मेडलिस्ट हैं और मैं यहाँ एक अद्वितीय कहानी साझा करने के लिए हूँ। इस दंगल का आयोजन आरियाना सरकार ने 2018 में किया था, जिसमें विवानी में साबित हुईं हैं वह बहादुर भारत केसरी। इस खिलाड़ी का नाम है पूजा गैलोद, जिन्होंने दोनों गेम्स में अपनी दमदार प्रदर्शन की और राष्ट्रीय स्तर पर पाँच बार मेडल जीते हैं, जबकि विश्व स्तर पर चार बार प्रतिष्ठान बनाया है। उनका योगदान एशियन जूनियर चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक के रूप में दर्ज हुआ है।

इस महान उपलब्धि के पीछे होने वाली कठिनाईयों को देखते हुए, पूजा ने अपने प्रेरणादायक संघर्ष का सामर्थ्यपूर्ण विवरण किया है। उनकी 57 किलोग्राम में कमर में चोट के बाद, वे तीन सालों तक बेड से साइड नहीं उठ सकीं थीं, लेकिन इस असफलता के बावजूद उन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण से वापसी करने का निर्णय लिया।

रैस्लिंग क्षेत्र में आई इस उच्च स्तर की खिलाड़ी ने अपने सोल्डर में भी चोट प्राप्त की, लेकिन डॉक्टरों के सर्जरी की सिफारिश के बावजूद उन्होंने अपने दम पर इसे सहानुभूति से ठीक किया। इसके बाद भी, अभी एंकल में हुई लिगामेंट की चोट ने उन्हें चुनौती दी है, लेकिन पूजा ने इसे भी जीत के रूप में स्वीकारा है और उसने यह साबित किया है कि छोटी चोटी बाधाएं हमें हार नहीं माननी चाहिए।

अपने खिलाड़ी जीवन में, पूजा ने दिखाया है कि दाइट भी एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। वे वेजिटेरियन हैं और अपनी दिनचर्या में देशी खाना शामिल करती हैं, जिसमें गी, दूद, दही शामिल होते हैं। वे यह भी बताती हैं कि उन्होंने अपने दिन में प्रोटीन और अन्य पौष्टिक तत्वों के लिए सप्लीमेंट्स भी शामिल किए हैं, जो उनके खेल में मदद करते हैं।

इस साकारात्मक और प्रेरणादायक चरित्र के माध्यम से, पूजा गैलोद ने दिखाया है कि सही दिशा में कठिनाईयों का सामना करना और उन्हें पार करना संभव है। उनकी उत्कृष्टता ने हर क्षेत्र में चमक बिखेरी है और हमें सिखाती है कि जीवन के हर मोड़ पर आती चुनौतियों का सामना करना ही विजय की कुंजी है।

आपने एक पूरी कथा शेयर की है, और मुझे खुशी है कि आपकी परिवार और समर्थक आपको स्पोर्ट्स में समर्थन करते हैं। आपका भाई अंकित भी खिलाड़ी है, और आपने उसे बहुत समर्थन दिखाया है।

रेस्लिंग के बारे में आपके अनुभव और आपके फैवरेट प्लेयर के बारे में जानकर अच्छा लगा। सुशिल कुमार एक बहुत ही प्रमुख और सफल पहलवान हैं, और उनकी जीते जी यात्रा बहुत प्रेरणादायक है।

आपका संदेश भी महत्वपूर्ण है – कठिनाईयों का सामना करने की कला, उन्हें हराने का जज्बा, और अभ्यास में समर्पण की महत्वपूर्णता को दिखाता है।

आपके गाँव में भी कई प्रमुख पहलवान हैं, और उन्हें भी समर्थक होना बहुत बड़ी बात है। आपने मंदीश सर और विकास पहलवान को उनके कठिन प्रयासों के लिए सराहा है, जो अच्छा है।

आपके संदेश में जय भारत की भावना भी स्पष्ट है, और आप सभी खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं। धन्यवाद और समृद्धि की कामना करता हूँ!

 

 

 

जीवन परिचय
व्यवसायबॉक्सर
शारीरिक संरचना
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 175 मी०- 1.75 फीट इन्च- 5’ 9”
भार/वजन (लगभग)55 कि० ग्रा०
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगकाला
मुक्केबाजी
स्टेन्ससॉउथपा
कोच• संदीप लम्बोरिया • परविंदर सिंह लम्बोरिया नोट: दोनों उनके चाचा हैं।
भार वर्ग60 किग्रा
पदक• 2021 में दुबई में आयोजित एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक • 2021 में स्पेन में बॉक्सम इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रजत पदक Jaismine Lamboriya with her Silver Medal
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि30 अगस्त 2001 (गुरुवार)
आयु (2022 के अनुसार)21 वर्ष
जन्मस्थानमेहताब दास की ढाणी, भिवानी, हरियाणा
राशिकन्या (Virgo)
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरभिवानी, हरियाणा
शौक्षिक योग्यताबीए [1]
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
बॉयफ्रेंडज्ञात नहीं
परिवार
पतिलागू नहीं
माता/पितापिता - जयवीर लम्बोरिया (अनुबंध के आधार पर होमगार्ड) माता - ओगिन्दर कौर (गृहिणी)
भाई/बहनउनकी दो बहनें हैं। उनकी दोनों बड़ी बहनें फिजियोथेरेपिस्ट हैं। [2]

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