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Prafulla Chaki

 

अग्नि का तेज उसके सामने फीका था। स्वतंत्रता का सपना लेकर वह वीर चीख रहा था। उसने विचारों की उज्ज्वल क्रांति को सिखाया था। फिरंगी सरकार भी उसकी ताकत से थर्राई हुई थी। उसने जब यह तर्पण किया, तो वहाँ कितनी रोड़र होगी यह मंजर भी था।

वीर प्रफुल ने भारतमाता के चरणों में अर्पित होने का संकल्प लिया। प्रफुल चाकी, जिनका जन्म 10 दिसम्बर 1881 को बिहारी गाँव, बोगरा नामक ज़िले में हुआ था, ने अपने बचपन में ही माता-पिता की मृत्यु के बाद खुद को पाला-पोसा। नवीन आचार्यता में वह उत्कृष्ट थे, और कई क्रांतिकारी आंदोलनों में शामिल हो चुके थे। उन्होंने कई कांति साहित्य को पढ़ा और स्वामी विवेकानंद के लेखों का भी अध्ययन किया था।

उस समय बंगाल में विभाजन का माहौल था, और अंग्रेजों के खिलाफ जनमस्तक बढ़ रहा था। प्रफुल चाकी ने इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई और अंग्रेजी सरकार के अत्याचारों का सामना किया। एक दिन, कोलकाता के चीफ प्रेसिजन किंग्स फोर्ट का एक क्रूर अधिकारी उनके पीछे पड़ा था।

प्रफुल ने अपनी साहसपूर्ण योजना के तहत किंग्स फोर्ट के प्रेसिजन को मुजफ्फरपुर भेज दिया। उसकी बग्गी में छुपे एक यूरोपीयन महिला बेटी को सहित, प्रफुल ने बग्गी को बम्पर से मारकर बच निकला। इसके बाद, उसने अपनी योजना को सफलता से समाप्त किया और गद्दार भारती नंदराल बेनर जी ने उसकी प्रशंसा की।

प्रफुल चाकी की शहादत 1 मई 1908 को हुई, जिसने एक महात्मा कांति कारी के रूप में उनके नाम को अमर बना दिया। इसके बाद, गद्दार भारती नंदराल बेनर जी ने उनका सर काटकर अंग्रेजों के सामने प्रस्थुत किया, जिससे वह एक अमर योद्धा के रूप में माने जाते हैं। इस घटना ने भारतीय इतिहास को एक अद्भुत घटना के रूप में छोड़ा है, जिससे आज भी हमारे देशवासियों में गर्व और आदर का भाव उत्तेजित होता है। भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद!

 

 

जीवन परिचय
व्यवसायभारतीय स्वतंत्रता सेनानी
जाने जाते हैंवर्ष 1908 में जिला मजिस्ट्रेट 'डगलस किंग्सफोर्ड' के गाड़ी पर बम फेंकने और उनकी हत्या की कोशिश करने के तौर पर
शारीरिक संरचना
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगकाला
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि10 दिसंबर 1888 (सोमवार)
जन्म स्थानबोगरा जिला, बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (जो अब बांग्लादेश में)
मृत्यु तिथि1 मई 1908 (शुक्रवार)
मृत्यु स्थानमोकामा घाट रेलवे स्टेशन, पटना, बिहार, बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत
मौत का कारणपुलिस गिरफ्तारी से बचने के लिए आत्महत्या किया। [1]
आयु (मृत्यु के समय)19 वर्ष
राशिधनु (Sagittarius)
राष्ट्रीयताब्रिटिश भारत
गृहनगरबोगरा जिला, बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (जो अब बांग्लादेश में)
स्कूल• नमुजा जनता प्रसाद इंग्लिश स्कूल • रंगपुर जिला स्कूल • रंगपुर नेशनल स्कूल
शैक्षिक योग्यता• नमुजा जनता प्रसाद इंग्लिश स्कूल से प्राथमिक शिक्षा • रंगपुर जिला स्कूल में 9वीं तक पढ़ाई की • बाद में रंगपुर नेशनल स्कूल गए
धर्महिन्दू [2]
जातिकायस्थ [3]
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति (मृत्यु के समय)अविवाहित
परिवार
पत्नीलागू नहीं
बच्चेभतीजी - माधाबी तलूदारी
माता/पितापिता - राजनारायण चाकी (नगर एस्टेट कर्मचारी) माता - स्वर्णमयी देवी

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