सोच अच्छी होनी चाहिए क्योंकि नजर का इलाज तो मुम्किन है पर नजरिय का नहीं। किसी महापुरुष ने कहा है कि लोग अनसक्सेस्फुल इसलिए नहीं होते क्योंकि वे कुछ बड़ा सोचते हैं और उसे अचीव नहीं कर पाते। लोग अनसक्सेस्फुल इसलिए होते हैं कि वे छोटा सोचते हैं और उसे अचीव कर लेते हैं। एसा ही सोच पंकरश्याओ का भी था जिन्होंने अपने बेटे के लिए बड़े से सहर विरार में हुआ। पित्री पंकाशौ का जन्म नौ नौमर उनिसू निन्यानवे को महाराष्ट्र के चोड़े से सहर विरार में हुआ। पिता पंकस शौ अफल में गया बिहार से हैं लेकिन पृत्वी के जन्म से पहले ही वो अपने कारोबार के लिए महाराष्ट्र आ गए। पिता का चोड़ा सा कपुरों का बिजनेस था। इसके लिए उन्हें कई बार सूरत बरोडा जाना पड़ता था। पृत्वी बचपन में प्लास्टी बॉल से अंडराम क्रिकेट खेलते थे। जब पृत्वी तीन साल के थे तभी उन्होंने अपनी माँ को खो दिया। अब पंकर शौ को ही पृत्वी का ख्याल रखना था। पिता ने बेटे की हुनर को पहचाना और अपना फोकस पूरी तरह से पृत्वी और उसके खेल को देने के लिए अपना कारोबार बंद कर दिया। उन्होंने यह बात मान ली थी कि अगर सही ट्रेनिंग और गाईडेंस मिले तो उनका बेटा बहुत बड़ा क्रिकेटर बनेगा। लेकिन सफर आसान नहीं था, ये सब सिर्फ क्रिकेट के लिए और जिनको नहीं पता था कि विरार से बांधरा की दूरी 70 किलोमीटर है।
पृत्वी के पिता उनके पहले कोच बने, नेट बॉलर्स के साथ वह अपने बेटे को नेट्स में घंटों बॉलिंग करते थे। मुंबई के क्रिकेट सर्किल में सभी पृत्वी को उनके बैटिंग स्टाइल और टॉप क्लास स्कोर्ड के वजह से जानने लगे थे। वह केवल फॉर्म में नहीं थे, बल्कि उनके स्ट्रैट ड्राइव, डिफेंस, सब आला दर्जे के थे। वे किसी भी फास्ट बॉलर के सामने बैटिंग कर सकते थे। उनके स्कूल के कोच राजू पाठक ने बताया कि पृत्वी मैच के बाद भी अपने प्रैक्टिस के लिए रुकते थे।
उस उम्र में जब बच्चे अपने दोस्तों के साथ बिना फिकर के खेलते थे, पृत्वी ने एक दिन भी ब्रेक नहीं लिया। साल 2010 में नेले स्कूल की तरफ से खेलते हुए पृत्वी शौकपुर्ति परेक्षण में अवगत हुए।
साल 2012 में दिल्ली वेंगर्स सरकारी अकादमी में उनकी बैटिंग ने इम्प्रेस किया और उन्हें इंग्लैंड ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। वहाँ पृत्वी ने बहुत सारे रन्स मारे और अपने आफ्सपिन से कई विकेट्स लिए। अगले साल 2013 में वह फिर से इंग्लैंड गए और अपने क्रिकेटिंग स्किल से सभी को इम्प्रेस किया।
मुंबई रणजी टीम के कुछ खिलाड़ी इंजर्ड थे और टीम में उपनेता की कमी थी। सेलेक्टर्स ने राहुल द्रविड को कॉल किया जो कि उस समय भारतीय अंडर 19 टीम के कोच थे। उनसे पूछा गया कि क्या पृत्वी को रणजी के लिए कंसीडर किया जाना चाहिए। ड्रविड ने कहा यस अफकौर्स वह एक बहुत टैलेंटेड खिलाड़ी है। उन्होंने बाद में पृत्वी को मुंबई की रणजी टीम में शामिल कर लिया।
जनवरी 2017 में उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ अपने पहले रनजी मैच के सेकंड इनिंग्स में सत्यक किया। फरवरी 2017 में लिस्ट ए रिकेट में अपना डेब्यू किया।
2018-19 अंडर-19 विश्व कप में उन्होंने अपने कप्तानी में भारतीय टीम को विजयी बनाया। उन्होंने 6 मैचों में 200 अक्षरों के रन्स के साथ औसत अफ विश्टी फाइव पॉइंट टू फाइव लिया।
2018 में उन्हें सीनियर भारतीय टीम में शामिल किया गया। वे इंग्लैंड दौरे में टीम के साथ रहे लेकिन वहां खेलने का मौका नहीं मिला।
2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज में मायंक अग्रवाल के सामने 18 साल के प्रिथ्वी को मौका मिला। राजकोट में हुए अपने डेब्यू मैच में वह एक शतक जड़ा।
प्रिथ्वी का करियर इंडियन टीम में तेजी से बढ़ रहा है और वह अपनी अभियांत्रिकी बैटिंग और गेम रिडीड है। उन्हें सचिन तेंदुलकर से तुलना की जा रही है और वह जल्द ही भारतीय क्रिकेट टीम के लिए नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं।
IPL 2022 में प्रिथ्वी शौक अपनी उच्च गुणवत्ता बैटिंग से सभी रिकॉर्ड्स को तोड़ देगा। अगर आपने अभी तक हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है, तो अभी करें। हम अगले वीडियो में मिलेंगे। तब तक अपना और अपनों का ख्याल रखें।
जीवन परिचय | |
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वास्तविक नाम | पृथ्वी पंकज शॉ |
व्यवसाय | क्रिकेटर (बल्लेबाज) |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 170 मी०- 1.70 फीट इन्च- 5’ 5” |
वजन/भार (लगभग) | 55 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
क्रिकेट | |
अंतर्राष्ट्रीय शुरुआत | भारत U - 19 - 14 जनवरी 2018 को ऑस्ट्रेलिया U - 19 के खिलाफ Mount Maunganui में टेस्ट - 4 अक्टूबर 2018 को, वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में |
जर्सी न० | # 100 (भारत U - 19) |
डोमेस्टिक/स्टेट टीम | मुंबई U - 19 |
कोच/संरक्षक (Mentor) | राहुल द्रविड़ |
कैरियर टर्निंग प्वाइंट | जब उन्होंने हैरिस शिल्ड क्रिकेट टूर्नामेंट में 546 रन बनाए। |
रिकॉर्ड | • वर्ष 2013 में, सभी भारतीय विद्यालयों में हैरिस शिल्ड क्रिकेट टूर्नामेंट में सर्वाधिक 546 रन बनाए। • टेस्ट डेब्यू में (हनीफ मोहम्मद, जेफ स्टॉलमेयर, तमीम इकबाल और इमरान फरहत के बाद) अर्धशतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय क्रिकेटर। • रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और टेस्ट में पहली बार शतक लगाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर। • 15 वें भारतीय क्रिकेटर जिन्होंने टेस्ट डेब्यू में शतक लगाया। • दूसरे युवा भारतीय खिलाड़ी (18 साल 329 दिन) जिसने सचिन तेंदुलकर के बाद टेस्ट डेब्यू में शतक लगाया। |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 9 नवंबर 1999 |
आयु (2017 के अनुसार) | 18 वर्ष |
जन्मस्थान | ठाणे, महाराष्ट्र, भारत |
राशि | वृश्चिक |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | विरार, महाराष्ट्र, भारत |
स्कूल/विद्यालय | A.V.S. विद्यामंदिर, विरार, मुंबई रिज़वी स्प्रिंगफील्ड हाई स्कूल, मुंबई |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | रिज़वी महाविद्यालय कला, विज्ञान और वाणिज्यिक, मुंबई |
शैक्षिक योग्यता | स्नातक |
परिवार | पिता - पंकज शॉ पृथ्वी शॉ अपने पिता पंकज शॉ के साथ माता - नाम ज्ञात नहीं (मृत्यु) बहन - कोई नहीं भाई - कोई नहीं |
धर्म | हिंदू |
जाति | वैश्य (मधेशी) |
पता | जुहू तारा रोड, मुंबई |
पसंदीदा चीजें | |
पसंदीदा क्रिकेटर | सचिन तेंदुलकर |
पसंदीदा क्रिकेट ग्राउंड | ओवल (ऑस्ट्रेलिया), एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया) |
पसंदीदा व्यंजन | अंडा घोटला |
पसंदीदा अभिनेता | आमिर खान, जॉनी डेप, जूनियर रॉबर्ट डाउनी |
पसंदीदा अभिनेत्रियां | पेनेलोप क्रूज़, ऐश्वर्या राय , करीना कपूर , कैटरीना कैफ |
पसंदीदा टीवी शो | तारक मेहता का उल्टा चश्मा |
धन संबंधित विवरण | |
आय (लगभग) | आईपीएल 11- ₹1.2 करोड़ (वर्ष 2018 के अनुसार) |