केवल स्वदेशी नीतियों से ही देश फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है। कुछ ऐसी ही सोच रखने वाले भारत के महान समाज सेवक राजीव दीक्षित को सभी जानते ही होंगे। वह एक ऐसे महान व्यक्ति थे जिनकी आवश्यकता भारत को इस समय सबसे अधिक थी। क्योंकि यही वह व्यक्ति थे जो सत्य पर विश्वास रखते थे, और बिना किसी डर के बुराईयों के खिलाफ उच्च आवाज बुलंद करने की हिम्मत रखते थे। इसलिए देश के लोगों ने उन्हें सम्मान के साथ ‘राजीव भाई’ के नाम से बुलाया।
राजीव भाई की पूरी जीवनी से हम जान सकते हैं कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद भी उन्होंने बड़ी कंपनियों में काम नहीं किया, बल्कि उन्होंने अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया। इस कहानी की शुरुआत 30 नवम्बर 1967 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के नाहा गाँव में हुई थी। उनके पिता का नाम रादेशाम दीक्षित था और मां का नाम नितलेश कुमारी था।
राजीव भाई ने स्वदेशी चीजों के प्रोत्साहन के लिए लोगों को जागरूक करने का कार्य किया। उन्होंने विदेशी कंपनियां की लूटपाट का खुलासा किया और लोगों से अपनी श्रेष्ठ देशभक्ति को साझा करने के लिए कहा। उन्होंने स्वदेशी आंदोलन का आरंभ किया और अपने जीवन में कई प्रमुख अभियानों को संचालित किया, जिसमें बाबा रामदेव के साथ भी कई अभियान शामिल थे।
राजीव भाई की मृत्यु के बाद, उनके समर्थकों ने उनकी हत्या का आरोप बाबा रामदेव पर लगाया, लेकिन इस बारे में कोई साक्षात्कारही नहीं हुआ। उनकी आत्मकथा और कार्यों के माध्यम से हम उनकी अद्भुत यात्रा को समझ सकते हैं, जो एक सच्चे स्वदेशी सेनानी की भूमिका में बनी रहेगी।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| वास्तविक नाम | राजीव दीक्षित |
| उपनाम | राजीव भाई |
| व्यवसाय | वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता |
| प्रसिद्ध हैं | स्वास्थ्य और समाज संबंधी टिप्स देना |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 30 नवंबर 1967 |
| जन्मस्थान | नाह, अटराउली, अलीगढ़, यूपी, भारत |
| मृत्यु तिथि | 30 नवंबर 2010 |
| मृत्यु स्थल | भिलाई, छत्तीसगढ़, भारत |
| मृत्यु कारण | कुछ स्त्रोतों के अनुसार : जहर देने से (मर्डर) कुछ स्त्रोतों के अनुसार : दिल का दौरा पड़ने से |
| आयु (मृत्यु के समय) | 43 वर्ष |
| राशि | धनु |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत |
| स्कूल/विद्यालय | सिटी स्कूल, फ़िरोज़ाबाद, उत्तर प्रदेश |
| कॉलेज/महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | जे.के. संस्थान, इलाहाबाद आई. आई. टी, कानपुर |
| शैक्षणिक योग्यता | एम. टेक |
| धर्म | हिन्दू |
| जाति | ब्राह्मण |
| खाद्य आदत | शाकाहारी |
| विवाद | • वर्ष 1991 में, जब स्विस बिजनेसमैन, अर्थुर डंकल "विदेशी प्रत्यक्ष निवेश" पर भारत सरकार के साथ बातचीत करने के लिए भारत आए, तब राजीव दीक्षित ने सहयोगियों के साथ मिलकर उन पर हमला किया। • अपने अभियान के दौरान, वह विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र इत्यादि की दृढ़ता से आलोचना करते थे, जो मीडिया में काफी विवादों में रहा। • अपने भाषणों में, वह पंडित जवाहर लाल नेहरू की कड़ी आलोचना करते थे। • एक बार उन्होंने एक विवादास्पद दावा किया कि भोपाल गैस त्रासदी अमेरिकी कंपनी 'यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन' के द्वारा नियोजित थी। |
| शौक/अभिरुचि | पुस्तकें पढ़ना, लिखना और यात्रा करना |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | अविवाहित (ब्रह्मचारी) |
| परिवार | |
| पत्नी | कोई नहीं |
| बच्चे | कोई नहीं |
| माता-पिता | पिता - राधेश्याम दीक्षित (बीटीओ अधिकारी) माता - मिथिलेश कुमारी राजीव दीक्षित के माता पिता |
| भाई-बहन | भाई - प्रदीप दीक्षित राजीव दीक्षित का भाई प्रदीप दीक्षित बहन - लता शर्मा |
| पसंदीदा चीजें | |
| पसंदीदा पशु | गाय |
| पसंदीदा लेखक | वाग्भट |
