शरद कुमार, एक भारतीय पैरा हाई जम्पर (ऊँची कूद) हैं जिन्हें 2020 टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला था। वर्ष 2014 में 12 साल के एशियाई खेलों के रिकॉर्ड को तोड़ने पर उन्हें वर्ल्ड नंबर 1 पैरा हाई जम्पर घोषित किया गया।
शरद कुमार का पालन-पोषण बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके दाएं पैर को पोलियो अभियान के दौरान नकली दवा के कारण लकवाग्रस्त हो गया था। उन्होंने सेंट पॉल स्कूल दार्जिलिंग से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और दिल्ली में अपने उच्च शिक्षा का अध्ययन किया। इसके बाद, उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की।
शरद कुमार ने ऊँची कूद को अपने करियर का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरणा ली, और उनकी सफलता में उनके बड़े भाई का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके भाई ने उन्हें हर कदम पर सहारा दिया और उनका पूरा समर्थन किया, जोने बावजूद कि कई लोगों ने उनके पैरा ऊँची कूद की क्षमता को नकारात्मक दृष्टिकोण से देखा।
शरद कुमार ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का गौरव बढ़ाया है, जैसे कि 2010 में चीन में हुए एशियाई पैरालंपिक गेम्स और 2018 में जकार्ता में आयोजित पैरा एशियन गेम्स में। इन उपलब्धियों के साथ, उन्होंने 2020 टोक्यो पैरालंपिक में भी सफलता प्राप्त करते हुए अपने करियर को सजीव रूप से रौंगत दिखाई है।
शरद कुमार का जीवन एक अद्वितीय कहानी है जो हार और संघर्ष से भरा हुआ है, लेकिन उन्होंने इन चुनौतियों का सामना करके खुद को उच्च स्थानों तक पहुंचाने का संकल्प किया है। उनकी प्रेरणा और उनके संघर्ष का यह कहानी हमें सिखाती है कि संघर्षों से नहीं हारना चाहिए, बल्कि उन्हें अवसर में बदलना चाहिए।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| व्यवसाय | भारतीय पैरा एथलीट (ऊँची कूद) |
| जाने जाते हैं | 2020 टोक्यो पैरालंपिक में पुरुषों की ऊंची कूद की F42 श्रेणी में कांस्य पदक जीतने के लिए |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 181 मी०- 1.81 फीट इन्च- 5" 11” |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | काला |
| ट्रैक और फील्ड | |
| इंटरनेशनल डेब्यू | 2010 में ग्वांगझोउ में आयोजित एशियाई पैरा खेलों में भाग लिया। |
| कोच | एवगेनी निकितिन |
| मेडल | स्वर्ण पदक • वर्ष 2014 में दक्षिण कोरिया के इंचियोन में आयोजित एशियाई पैरालंपिक खेलों में • वर्ष 2018 में जकार्ता में आयोजित एशियाई पैरालंपिक खेलों में रजत पदक • वर्ष 2017 में लंदन में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक • वर्ष 2020 में आयोजित टोक्यो पैरालंपिक खेलों में |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 1 मार्च 1992 (रविवार) |
| आयु (वर्ष 2021 के अनुसार) | 29 वर्ष |
| जन्मस्थान | कोदरकट्टा पूरन, जिला मुजफ्फरपुर, बिहार, भारत |
| राशि | मीन (Pisces) |
| धर्म | हिन्दू [1] |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | कोदरकट्टा पूरन, जिला मुजफ्फरपुर, बिहार |
| स्कूल/विद्यालय | • सेंटपॉल हाईस्कूल, दार्जिलिंग • मॉडर्न स्कूल, दिल्ली |
| कॉलेज/विश्वविद्यालय | • किरोड़ीमल महाविद्यालय, दिल्ली • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली |
| शैक्षणिक योग्यता | • राजनीति विज्ञान में स्नातक • राजनीति में स्नातकोत्तर [2] |
| शौक/अभिरुचि | पढ़ना और फिल्में देखना |
| विवाद | 2020 टोक्यो पैरालंपिक में प्रवेश करने से ठीक पहले शरद कुमार का मेडिकल टेस्ट हुआ तो पता चला कि उन्होंने कुछ नशीले पदार्थ का सेवन किया था। [3] |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
| गर्लफ्रेंड | ज्ञात नहीं |
| परिवार | |
| पत्नी | लागू नहीं |
| माता-पिता | पिता - सुरेंद्र कुमार (व्यवसायी) Sharad Kumar's father माता - कुमकुम देवी (गृहिणी) Sharad Kumar's mother |
| भाई | भाई - नाम ज्ञात नहीं (एथलीट) Sharad Kumar's brother |
| पसंदीदा चीजें | |
| टेनिस खिलाड़ी | रॉजर फ़ेडरर |
| भोजन | कढ़ी चावल |
| अभिनेता | शाहरुख खान |
| अभिनेत्री | जेनिफर एनिस्टन |
| फिल्म | हॉलीवुड - "द लास्ट समुराई" (2003) |
| डायलॉग्स | “Bond! James Bond”...(wink) no a serious note, my own dialogue - “Let"s get started, All” |
| स्थान | गोवा और लंदन |
