प्रदम्भूशन सार्डा सेनहाजी ने धरती पर अपने कई रंग-बिरंगे रत्नों को जन्म दिया है। उन्होंने अपनी कला और मेहनत के माध्यम से सिर्फ अपने देश की बल्कि विदेशों में भी बिहार की गरिमा को बढ़ावा दिया है। आज हम इस विशेष व्यक्ति के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्हें बिहार की सुर्ष सामरागी और बिहार कोकिला कहा जाता है।
इस व्यक्ति का नाम है बिहार की महान गायिका शार्दा सिनहा, जिन्होंने अब तक सैकड़ों गानों में अपने सुर दिए हैं और अपनी कला के जरिए बिहार के हर कोने में चमकी हैं। उनका जन्म बिहार के सुपॉल जिले के राघोपूर के हुलास में 9 अक्टूबर 1952 को हुआ था। पढ़ाई के दौरान, उन्होंने संगीत में अपनी सिखाई पूरी की और नृत्य और गायन में महारत हासिल की।
शार्दा सिनहा ने 80 के दशक में मैकली, भोजपुरी और मगही भाषा में गीत गाना शुरू किया और उनके गीतों ने लोगों के दिलों में बसा लिया। उनकी लोकप्रियिता का पता इस बात से चलता है कि वह उस समय में एक रिकॉर्डिंग के लिए पचास हजार रुपये लेती थी, जो उस समय के हिसाब से काफी अद्भुत था।
उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अपनी आवाज दी, और उनके गीतों ने उन्हें और भी पहचान दिलाई। शार्दा सिनहा की सबसे बड़ी उपलब्धि में शामिल है कि उन्होंने बिहार के साथ-साथ पूरे देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोक गायकी में रौंगत पैदा की है।
उन्हें 1991 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया और 2018 में भी उन्हें इसी से नवाजा गया। शार्दा सिनहा ने देश के अलावा मौरिशिस, सिंगापोर, थाईलैंड जैसे विदेशी देशों में भी अपने गायन के जरिए लोकप्रियता प्राप्त की है।
उनकी सार्थक यात्रा और उनके साथ संबंधित गाने आज भी बिहार के हर कोने में बजते हैं, जो उनके कला की महत्ता को साबित करते हैं। इस प्रमुख लोक गायिका ने बिहार को नहीं ही बल्कि पूरे भारत में गर्वित किया है और उन्हें इसके लिए सम्मानित किया गया है। धन्यवाद। इस बिहारी पहचान को सलाम है।
| Sharda Sinha | |
|---|---|
| वास्तविक नाम | शारदा सिन्हा |
| उपनाम | बिहार कोकिला |
| व्यवसाय | लोक गायिका |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 152 मी०- 1.52 फीट इन्च- 5' |
| वजन/भार (लगभग) | 70 कि० ग्रा० |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | काला |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 1 अक्टूबर 1952 |
| आयु (2017 के अनुसार) | 65 वर्ष |
| जन्मस्थान | हुलास, राघोपुर, सुपौल जिला, मिथिला क्षेत्र, बिहार |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | हुलास, राघोपुर, सुपौल जिला, मिथिला क्षेत्र, बिहार |
| स्कूल/विद्यालय | बांकीपुर गर्ल्स हाईस्कूल, बिहार |
| महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | मगध महिला कॉलेज, बिहार प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद समस्तीपुर शिक्षण महाविद्यालय, बिहार |
| शैक्षिक योग्यता | मगध महिला कॉलेज से स्नातक समस्तीपुर के शिक्षण महाविद्यालय से बीएड प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से संगीत में परास्नातक |
| पुरस्कार/सम्मान | • वर्ष 1991 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • वर्ष 2001 में, उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। • वर्ष 2015 में, उन्हें बिहार सरकार द्वारा सिनेयात्रा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शारदा सिन्हा सिनेयात्रा पुरस्कार ग्रहण करते हुए • वर्ष 2018 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शारदा सिन्हा पद्म भूषण ग्रहण करते हुए |
| धर्म | हिन्दू |
| जाति | कायस्थ |
| शौक/अभिरुचि | गीत गाना और लिखना, नृत्य करना |
| पसंदीदा चीजें | |
| पसंदीदा भोजन | लड्डू और पराठा |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| परिवार | |
| माता-पिता | पिता - सुखदेव ठाकुर (शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अधिकारी) माता - नाम ज्ञात नहीं |
| भाई-बहन | ज्ञात नहीं |
| पति | डॉ. ब्रज किशोर सिन्हा शारदा सिन्हा अपने पति के साथ |
| बच्चे | बेटा - अंशुमन सिन्हा शारदा सिन्हा अपने बेटे के साथ बेटी - वंदना शारदा सिन्हा अपनी बेटी के साथ |
