सूबेदार संजय कुमार भारतीय सेना के एक जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) हैं, जिन्होंने कारगिल युद्ध 1999 के दौरान देश के प्रति अपने कर्तव्य, साहस और समर्पण का प्रदर्शन करते हुए भारत का सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार “परमवीर चक्र” प्राप्त किया। संजय कुमार ने साल 1996 में आर्मी में शामिल होने का निर्णय लिया, पहले वह बिलासपुर में टैक्सी ड्राइवर रह चुके थे। संजय कुमार ने भारतीय सेना में शामिल होने के लिए कठिनाईयों का सामना किया और चयन प्रक्रिया में दो बार खारिज होने के बावजूद अपना लक्ष्य हासिल किया।
संजय ने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल छोड़ दिया था, क्योंकि उनके माता-पिता उनकी आगे की पढाई का खर्च उठाने में असमर्थ थे। वे एक आर्मी बैकग्राउंड वाले परिवार से हैं, जिनमें उनके चाचा ने जम्मू और कश्मीर राइफल्स बटालियन में सेवानिवृत्ति प्राप्त की थी, और 1965 के भारत-पाक युद्ध में अपनी जान गंवाई थी। संजय के भाई भी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस में सेवारत हैं।
1999 के कारगिल युद्ध में राइफलमैन संजय कुमार ने अपनी स्वेच्छा से जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन की टीम का नेतृत्व किया, जिसे अब ’13 JAK RIF’ के रूप में जाना जाता है। इस बटालियन को मुशकोह घाटी में एरिया फ्लैट टॉप ऑफ पॉइंट 4875 पर कब्जा करने का कार्य सौंपा गया था, जिसे पाकिस्तानी सैनिकों ने कब्जा किया हुआ था। लड़ाई के दौरान, भारतीय सैनिकों को दुश्मन के बंकर से 150 मीटर की दूरी पर गिरा दिया गया था।
संजय कुमार ने समस्या की भयावहता को महसूस करते हुए अकेले आगे बढ़ने का फैसला किया, और रेंगते हुए भारी गोलीबारी के बीच बंकर की ओर बढ़ते रहे। उनके सीने में दो बार और एक बार उनके अग्रभाग में गोलियां लगीं, लेकिन उन्होंने दुश्मन के बंकर की ओर बढ़ते हुए तीन पाकिस्तानी सैनिकों को आमने-सामने की लड़ाई में मार गिराया। इसके बाद, संजय ने एक दुश्मन की UMG बंदूक उठाई और दूसरे दुश्मन बंकर की ओर बढ़ते हुए उन सभी को मार गिराया। उनकी हिम्मत को देखकर बाकी पलटन ने भी हमला बोला, बाकी पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला कर तिरंगा फहराया गया।
रिपब्लिक टीवी ने 15 अगस्त 2018 को भारत के 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विशेष शो- ‘हीरोज ऑफ इंडिया’ का प्रसारण किया, जिसमें देश के लिए बलिदान देने वाले सैन्य अधिकारियों को आमंत्रित किया गया। इस मौके पर नायब सूबेदार संजय कुमार ने अर्नब गोस्वामी और (सेवानिवृत्त) मेजर गौरव आर्य से बात की। उन्होंने 22 जनवरी 2021 को ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के “कर्मवीर 12वें सीजन” में “परम वीर चक्र” पुरस्कार विजेता सूबेदार मेजर योगेंद्र सिंह यादव के साथ दिखाई दी।
| जीवन परिचय | |
|---|---|
| व्यवसाय | भारतीय सेना (जूनियर कमीशन अधिकारी) |
| जाने जाते हैं | वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान क्षेत्र फ्लैट टॉप पर कब्जा करने के तौर पर |
| शारीरिक संरचना | |
| लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 168 मी०- 1.68 फीट इन्च- 5' 6” |
| आँखों का रंग | काला |
| बालों का रंग | काला |
| सैन्य सेवा | |
| सर्विस ब्रांच | भारतीय सेना |
| पद | जूनियर कमीशन अधिकारी (सूबेदार) |
| सेवा वर्ष | 1996 से वर्तमान |
| रेजिमेंट्स | 13 जेएके आरआईएफ |
| सर्विस संख्या | 13760533 |
| युद्ध/लड़ाई | 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान क्षेत्र फ्लैट टॉप पर कब्जा की लड़ाई |
| पुरस्कार/उपलब्धियां | परम वीर चक्र Param Vir Chakra |
| व्यक्तिगत जीवन | |
| जन्मतिथि | 3 मार्च 1976 (बुधवार) |
| आयु (2022 के अनुसार) | 46 वर्ष |
| जन्मस्थान | कलोल बकैन, बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश, भारत |
| राशि | मीन (Pisces) |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
| गृहनगर | कलोल बकैन, बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश |
| स्कूल/विद्यालय | राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कलोल, बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश |
| विवाद | • वर्ष 2010 में सूबेदार संजय कुमार को हवलदार के पद से हटाकर लांस नायक कर दिया गया था और भारतीय सेना ने उनकी पदोन्नति के लिए कोई कारण बताने से इनकार कर दिया। हालांकि प्रेस विज्ञप्ति में सेना उन्हें हवलदार के रूप में संदर्भित करती रही। [1] • वर्ष 2014 में संजय कुमार को नायब सूबेदार के पद पर पदोन्नत किया गया और वह भारतीय सेना के एक जूनियर कमीशन अधिकारी (JCO) बन गए। उनकी पदोन्नति लंबे समय से एक मुद्दा रही है क्योंकि उनके नाम की घोषणा वर्ष 2010 में ही कर दिया गया था। इसके अलावा 2010 के मुद्दों को उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप से दबा दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने वालों के लिए कोई आउट-ऑफ-टर्न पदोन्नति नहीं है और पदोन्नति सैनिक की वरिष्ठता के स्तर के आधार पर की जाती है। [2] |
| प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां | |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| विवाह तिथि | 17 अप्रैल 2000 (सोमवार) |
| परिवार | |
| पत्नी | प्रोमिला Subedar Sanjay Kumar with his wife |
| बच्चे | बेटा - नीरज बेटी - नाम ज्ञात नहीं Subedar Sanjay Kumar with his kid |
| माता/पिता | पिता - दुर्गा राम माता - भाग देवी |
| भाई/बहन | उनके दो बड़े भाई और तीन बड़ी बहनें हैं। |
