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Surya Sen

नमस्कार, आप देख रहे हैं टीवी नाईन, भारत वर्ष का डिजिटल प्लैटफॉर्म, और मैं हूँ आपके साथ अनूप आकाश वर्मा. आजादी की लड़ाई में न जाने कितने वीर सपूतों ने प्राणों की आहुति दी. आज का किस्सा एक ऐसे वीर सपूत का है जिसे अंग्रेजों ने बिहोशी की हालत में फासी के फंदे से लटका दिया था. इस किस्से में आजादी की जंग में कई क्रांतिकारी भी फासी दी गई थीं, और यह वीरता भरी कहानी भी उनमें से एक है.

इस युवा तुर्क का नाम था सूरिसेन जने, जिसे प्यार से माश्टरदा कहा जाता था. माश्टरदा बंगाल के चिटगॉंग में आजादी की लड़ाई में शामिल थे, जो अब बंगलादेश में स्थित है. चिटगॉंग में सूरि सेन ने अपने साथियों के साथ मिलकर कई जंगलों में जगह-जगह डकैती की, और अंग्रेजी हुकुमत के दबदबे पर विरोध करते हुए उनके हत्यारों का सामना किया. सूरि सेन ने 1918 में क्रांतिकारी पार्टी में शामिल होकर अपने संघर्ष की शुरुआत की, और 1921 में असायोग अंधोलन में हिस्सा लिया.

हिसमबर 1923 में, पहरटैली रेल्वे दफ़तर में एक डकैती को अंजाम देने के बाद, सूरि सेन ने अंडरग्राउंड में चलने का निर्णय लिया. 1924 में सूरि सेन को गिरफ्तार किया गया और उन्हें बिना किसी मुकदमे के 4 साल तक जेल में बंद रखा गया. इस दौरान, उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन अंग्रेजी हुकुमत के सामने सूरि सेन ने घुटने नहीं टेके, बल्कि और भी मजबूत हो गए.

इसके बाद, उन्होंने 18 अप्रैल 1930 को चिटगॉंग में ब्रिटिश शास्त्रागार पर छापा मारा.

 

 

Surya Sen
पूरा नामसूर्य कुमार सेन [1]
उपनामसुर्ज्या सेन [2] और कालू [3]
व्यवसायभारतीय स्वतंत्रता सेनानी
जाने जाते हैंवर्ष 1930 में चटगांव शस्त्रागार छापे का मास्टरमाइंड होने और भारतीय रिपब्लिकन आर्मी (IRA) नामक क्रांतिकारी संगठन के संस्थापक होने के नाते
शारीरिक संरचना
आँखों का रंगकाला
बालों का रंगकाला
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि22 मार्च 1894 (गुरुवार)
जन्मस्थाननोआपारा गांव, थाना रावजन, चटगांव (जो अब बांग्लादेश में है)
मृत्यु तिथि12 जनवरी 1934 (शुक्रवार)
मृत्यु स्थलचटगांव, बंगाल प्रेसीडेंसी (जो अब बांग्लादेश में है)
आयु (मृत्यु के समय)39 वर्ष
मृत्यु का कारणफांसी [4]
राशिमेष (Aries)
राष्ट्रीयताब्रिटिश भारत
गृहनगरनोआपारा गांव, थाना रावजन, चटगांव
स्कूल/विद्यालय• दयामय प्राथमिक विद्यालय • नोआपाड़ा हायर इंग्लिश स्कूल
कॉलेज/ विश्वविद्यालयबहरामपुर कॉलेज, मुर्शिदाबाद (जो अब कृष्णनाथ कॉलेज के नाम से जाना जाता है)
शौक्षिक योग्यताबीए [5]
जातिबैद्य परिवार [6]
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिविवाहित
विवाह तिथिवर्ष 1919
परिवार
पत्नीपोशपो कोंटोला दत्ता
माता/पितापिता - राजमोनी सेन (शिक्षक) माता - शीला बाला देवी
भाई/बहनवह पांच भाई-बहन थे।

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