छोड़कर सामग्री पर जाएँ

Vallabhbhai Patel

भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम अगर किसी ने किया है, तो वह है सरदार पटेल, जिन्होंने अपनी सूजबूज के दम पर हमें आज का भारत दिया है। सरदार पटेल ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत में अलग-अलग बटी हुई 565 रियायसतों को एक करके और आज के भारत के निर्मान में एहम भूमि का निभाई। हाल ही में बनाए गए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के विषय में सरदार वल्लभ भाई पटेल की चर्चा चर्चा का विषय बन रही है। इस वीडियो में हम सरदार पटेल की कहानी शुरूआत से जानने की कोशिश करेंगे।

वल्लभ भाई जावेर भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को ब्रिटिश इंडिया के नदियाद नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम जावेर भाई पटेल और माँ का नाम लाडबाई था। वह कुल छे बही वेहन थे, जिनमें वे अपने माता-पिता की छोटी संतान थे। बचपन से ही पटेल एक मस्तिष्कशक्ति से भरे व्यक्ति थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नदियाद में ही पूरी की थी।

शायद आपको आश्चर्य होगा कि सरदार पटेल 22 साल के थे जब उन्होंने अपनी हाई स्कूल की परीक्षा पास की थी। उनके परिवार वालों को लगता था कि उन्हें अपने लक्ष्य की प्राप्ति में कई साल लग सकते हैं, परंतु पटेल ने इस सोच को परिभाषित किया और अपने सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष किया।

1928 में, वल्लभ भाई पटेल ने राजनीति में एक नया मोड़ लिया और उनकी नेतृत्व में एहमदाबाद के कमिशनर का चुनाव आया। उन्होंने इसे बड़ी आसानी से जीता। इसके बाद, उनकी सांघी गांधी जी के साथ उनकी सजीव और निष्कलंक दृष्टिकोण से उनका राजनीतिक करियर उच्चतम शिखरों तक पहुँचा।

सरदार पटेल ने भारतीय एकता की दिशा में अपने अद्भुत योगदान के लिए जाने जाते हैं। उनकी बहादुरी, सूजबूज और दृढ़ निर्णय की भूमिका के लिए हमें आज का समृद्धि युक्त भारत प्राप्त हो सका है। इनकी अमृतता की भाषा में, हम आज भी उनका ऋणी हैं और उनकी प्रेरणा से हम अपने

 

 

 

 

जीवन परिचय
वास्तविक नामवल्लभभाई झवेरभाई पटेल
उपनामसरदार, सरदार पटेल, Founding Father of India, Iron Man of India, Bismarck of India, Unifier of India
व्यवसायवकील, राजनेता, कार्यकर्ता, स्वतंत्रता सेनानी
राजनीति
राजनीतिक पार्टीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी
राजनीतिक यात्रा• वर्ष 1917 में, वह पहली बार अहमदाबाद के स्वच्छता आयुक्त के रूप में नियुक्त किए गए। उसी वर्ष, उन्हें गुजरात सभा के सचिव के रूप में किया गया (एक राजनीतिक निकाय, जिसने गांधी जी के अभियान में मदद की थी)। • वर्ष 1920 में, उन्हें गुजरात प्रदेश की कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया, जहां उन्होंने वर्ष 1945 तक सेवा दी। • वर्ष 1924 से वर्ष 1928 तक, वह अहमदाबाद नगर समिति के अध्यक्ष थे। • स्वतंत्रता के बाद, सरदार वल्लभभाई पटेल उप-प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाले प्रथम व्यक्ति थे। जिसके चलते उन्होंने गृह मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कार्यभार को संभाला।
पुरस्कार एवं सम्मानवर्ष 1991 में, मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सरदार पटेल के नाम पर स्थान / संस्थाएं• सरदार पटेल मेमोरियल ट्रस्ट • सरदार सरोवर बांध, गुजरात • सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक, अहमदाबाद • सरदार पटेल विश्वविद्यालय, गुजरात • सरदार पटेल विद्यालय, नई दिल्ली • सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद • सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा और आपराधिक न्याय विश्वविद्यालय, जोधपुर • सरदार पटेल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मुंबई • सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मुंबई • सरदार वल्लभभाई पटेल चौक, कटरा गुलाब सिंह, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में • सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, अहमदाबाद • सरदार पटेल स्टेडियम, अहमदाबाद • वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली • स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, गुजरात
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि31 अक्टूबर 1875 नोट- जन्म की सटीक तारीख निश्चित नहीं है। 31 अक्टूबर उनके मैट्रिक के प्रमाण पत्र में उल्लेख किया गया है।
आयु (आयु मृत्यु के समय)75 वर्ष
जन्मस्थाननडियाद, बॉम्बे प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश इंडिया
मृत्यु तिथि15 दिसंबर 1950
मृत्यु स्थलबॉम्बे (वर्तमान में, मुंबई)
मृत्यु का कारणहृदयाघात (दिल का दौरा पड़ने से)
राशिवृश्चिक
राष्ट्रीयताभारतीय
गृहनगरनडियाद, गुजरात
स्कूल/विद्यालयएक प्राथमिक स्कूल, पेटलाड, गुजरात में
महाविद्यालय/विश्वविद्यालयMiddle Temple, Inns of Court, London, England
शैक्षिक योग्यतालॉ में डिग्री
धर्महिन्दू
जातिपाटीदार
खाद्य आदतशाकाहारी
शौक/अभिरुचिपत्ते खेलना
विवाद• जब वह अहमदाबाद की नगर समुदाय के अध्यक्ष थे, तब उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए गए। जिसके चलते 28 अप्रैल 1922 को अहमदाबाद जिला न्यायालय में उनके खिलाफ ₹1.68 लाख की राशि को गलत ढंग से एकत्रित करने का मामला दर्ज किया था। • मुसलमानों के खिलाफ पक्षपाती होने के कारण पटेल को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने भी उनकी आलोचना करते हुए कहा कि "वह भारत के विभाजन को स्वीकार करें।" • सुभाष चंद्र बोस के समर्थकों ने भी पटेल की आलोचना की, जो महात्मा गांधी का समर्थन नहीं कर रहे थे।
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थितिविवाहित
विवाह तिथिवर्ष 1891
परिवार
पत्नीझवेरबाई पटेल
बच्चेबेटे : दहयाभाई पटेल (बीमा कंपनी में कार्यरत) सरदार पटेल का बेटा बेटी : मनीबेन पटेल (स्वतंत्रता सेनानी) सरदार पटेल अपनी बेटी के साथ
माता-पितापिता - झवेरभाई पटेल माता - लाड़बा
भाई-बहनभाई - सोमाभाई पटेल, नरशीभाई पटेल, विठ्ठलभाई पटेल (विधानसभा सदस्य), काशीभाई पटेल सरदार पटेल (दाईं ओर) अपनी माता और भाइयों के साथ बहन - दहीबेन
पसंदीदा चीजें
पसंदीदा भोजनचावल और उबली हुई सब्जी
पसंदीदा स्वतंत्रता सेनानीमहात्मा गांधी

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *